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Monday, October 30, 2023

फूल (जयकारी छंद के लय आधारित)


 

फूल (जयकारी छंद के लय आधारित)

चंपा गुड़हल सदाबहार।गेंदा के बनथे जी हार।।

नर्गिस नारंगी मन भाय।लिली माधवी बड़ मुसकाय।।


अर्जुन अगस्त्य फूल गुलाब।नीलकमल खिलथे तालाब।।

कामलता बनफूल कनेर। सूर्यमुखी हा आँख तरेर।।


राई मुनिया हर सिंगार।सुघर कामिनी मन मतवार।।

रजनी गंधा अउ कचनार।देवकली के रूप निहार।।


फूल सावनी मुच मुच हाँस।तारक बचनाग अमलतास।।

रक्त केतकी जूही फूल।सत्यानाशी शूल अकूल।।


ब्रम्हकमल अउ बूगनबेल।माथ चमेली के मल तेल।।

असोनिया अउ सादा आक। चन्द्र मोगरा शोवी ढाक।।


नील गुलैंची मुसली फूल।खिल -खिल हाँसत हावय झूल।।

छुईमुई छूबे ते सकुचाय।मूंग मालती मया जगाय।।


हे गुलमोहर के बड़ नाम।फूल चाँदनी नोहय आम।।

गुलेतुरा लेवेंडर कोन।कुकरोधा केसर हे सोन।।


चील आँकरी द्रोप सिरोय।झुमका मौली मा मन खोय।।

अपराजिता बसंती कुंद।मून महकनी अउ मुचमुंद।।


गुलखैरा होथे जी खास।फूल केवड़ा बाँधय आस।

डहेलिया बगिया के शान।कउँवा कानी ला पहचान।।


सेवंती हे रंग बिरंग।महिमा मन मा भरे उमंग।।

सीता अशोक मुर्गा लाल।जुनबेरी ला देख निढ़ाल।।


आर्किड अमला कुकु ब्लूस्टार।सुघर अमोली के परिवार।।

फूल धतूरा शिव ला भाय।सुघर रात रानी ममहाय।।


ऐस बकाइन घंटी फूल।बजय नहीं झन देवव तूल।।

तितली कोरल क्रोकस कान।सिला केरिया खसखस जान।।


मंकी फ्लावर गार्डन गेट।बर बिहाव मा होथे भेंट।।

गुब्बारा बाटल ब्रश लान।नाव तको अइसन हे जान।।

विजेन्द्र कुमार वर्मा

नगरगाँव (धरसीवाँ)

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