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Tuesday, November 19, 2019

सार छंद-बोधनराम निषाद




सार छंद - बोधन राम निषादराज

(1) नवा जमाना आवय:-

नवा जमाना देखत  हावय, रसता  आगू  बढ़ गा।
दुनिया के सँग हाथ मिला लव, अपन करम ला गढ़ गा।।

नवा-नवा जी बोर होत हे,खेती सोना  होवय।
वाटर पम्प घलो हे चलथे,बारह महिना बोवय।।

आज सड़क मा चिखला नइहे,चिक्कन चाँदन चमकय।
घर कुरिया अब पक्का होगे,लेंटर वाले दमकय।।

पढ़े लिखे के राज आत हे,जम्मो सुघ्घर पढ़लव।
नोनी बाबू संगे सँग मा,अपनों जिनगी गढ़लव।।

तइहा के जी बात छोड़ दव,अब तो उहू नँदावय।
आगू आगू सोंचत राहव,नवा जमाना आवय।।

(2) माटी के हे काया :-

काया माया के बंधन मा,कब ले फँस के रहिबे।
तोर मोर के ए चक्कर मा,दुःख पिरा ला सहिबे।।

चार दिना के ए जिनगानी,हरि नाम तँय ले ले।
अब तो रख बिस्वास इहाँ जी,जिनगी भर तँय खेले।

कुछ तो करले भाव भजन ला,मानुष जोनी पाए।
बिरथा झन बोहा काया ला,बहुँते तँय इतराए।।

का लेके तँय आए जग में,अउ का लेके जाबे।
दया धरम सत् संगत करले,पाछू झन पछताबे।।

ए दुनिया मा काय धरे हे, एहा तो  बस  माया।
भजले राम नाम तँय संगी, माटी के हे काया।।

छंदकार-
बोधन राम निषादराज
सहसपुर लोहारा,जिला-कबीरधाम (छत्तीसगढ़)

22 comments:

  1. बहुते सुग्घर सार छन्द गुरुदेव बहुत-बहुत बधाई

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  2. बधाई हो भाई...👌👏💐💐

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  3. सुग्घर छंद रचना

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  4. सुग्घर छंद रचना

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  5. बहुत बढ़िया रचना निषाद जी
    बधाई हो

    महेन्द्र देवांगन माटी

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  6. अब्बड़ सुग्घर भावपूर्ण सार छंद भइया गजब सृजन बधाई भइया

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  7. बहुत सुग्घर सर

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  8. सादर आभार गुरुदेव जी

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  9. सुग्घर सार छंद के हार्दिक बधाई सर

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    1. सादर आभार गुरुदेव जी

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  10. बहुत सुंदर सार छंद निषाद जी..
    सादर बधाई आपला
    👏👏👏👌👌👍👍

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    1. सादर आभार नमन गुरुदेव जी

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    1. रसता आगू बढ़ गा बर बधाई

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    2. सादर आभार नमन गुरुदेव जी

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  12. Replies
    1. सादर आभार नमन दीदी जी

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