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Friday, November 22, 2019

सार छन्द-सूर्यकांत गुप्ता


*मरिया हरिया अउ बर बिहाव*

सार छन्द-सूर्यकांत गुप्ता

मरिया हरिया बर बिहाव मा,कइसन खरचा होथे।
बोझा  जेकर  ऊपर  लदथे, मूड़ पकड़  के रोथे।।१।।
दाइज   दानव  दँवथे   जँउहर, होथे  अत्याचारी।
नारिच  हर  नारी  के  दुश्मन,बन के बारय नारी।।२।।
जहाँ अमीरी डारिस डेरा, मनखे मति फिर जाथे।
सत्  के  रद्दा ला दुरिहावत, अतलँग खूब मचाथे।।३।।
सान  बघारत  करथे   शादी,लइकन के वो अइसे।
लोक्खन के वो धनी जगत के,एक्के झन हे जइसे।।४।।
किसम किसम के जिनिस जहाँ वो, खाये के बनवाथे।
आधा   ले   जादा   बच  जाथे, ओला  वो  फिंकवाथे।।५।।
खुशी  मनाये  बर  नइये  जी,  काँही  हमला  हरजा।
हे अमीर  बर  बात  सहज गा, पर गरीब बर करजा।।६।।
मरिया  घलो इहाँ गरीब के,  दुख  ला  दुगना करथे।
किरिया  करम  करे  के बोझा,ढोवत दुखिया मरथे।।७।।
नइये   काबर   बंद  तेरही,   मृत्यु  भोज  करवाना।
सँगे  संग  मा  दान  पुन्न के,  चक्कर मा फँसवाना।।८।।
काबर  चद्दर  ले  बाहिर जी, गोड़े  अपन  लमाथौ।
करौ  ओतके खरचा भाई,  जतका तुमन कमाथौ।।९।।
करन चोचला बंद समाजिक, मिलके किरिया खाई।
कांत मरँय झन एक्को प्रानी, ध्यान रखन हम भाई।।१०।।

सूर्यकान्त गुप्ता, 'कान्त'
सिंधिया नगर दुर्ग(छ.ग.)

47 comments:

  1. वाह वाह सूर्या भैया जी।सामाजिक विसंगति ऊपर प्रहार करत सुग्घर सार छंद।सादर नमन।

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    1. सादर धन्यवाद चोवा भैया
      🌹🌹🙏🙏

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  3. वाह भइया सुग्घर सार छंद

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    1. रचना पसंद करे बर सादर बधाई भाई
      🌹🙏

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    2. रचना पसंद करे बर हिरदे ले धन्यवाद भाई

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  4. बहुत बढ़िया विषय सृजन आपके लेखनी ला नमन भैया जी

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    1. हिरदे ले धन्यवाद दीदी.
      🌹🌹🙏🙏🌹🌹

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  5. बहुत सुघ्घर सृजन हे भैया जी
    आप तो आशुकवि हव भाई जी

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    1. हिरदे ले सादर धन्यवाद भाई..
      🌹🙏

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    2. भैया जी
      में आशा देशमुख हरव

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    3. बहिनी ए हर नवा नंबर ए का...क्षमा करिहौ बहिनी ए नंबर सहेजाए नइये 🌹🌹🙏🙏

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  6. अति सुन्दर सर जी । बधाई हो

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    1. सादर हिरदे ले धन्यवाद निषाद जी
      ।.🙏🙏🌹

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  7. बहुत सुग्घर सार छंद भैया जी बधाई

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    1. हिरदे ले सादर धन्यवाद भाई..
      🌹🌹🙏🙏

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  8. सिरतोन बात ला सार छंद मा पिरोय हव भइया ।सुग्घर सिरजन

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    1. हिरदे ले सादर धन्यवाद साहू जी..🌹🌹🙏🙏

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  9. करन चोचला बंद समाजिक,मिलके किरिया खाई।
    अतका सुग्घर रचना बर जी,झोकॅव हमर बधाई।।

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    1. वाहहहहहह...
      बढ़िया बधाई दे हव भाई..
      सादर हिरदे ले शुक्रिया बघेल जी
      🙏🙏🌹🌹

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  10. काहेन के सुग्घर सार छंद भैया।रचना के संदेश ला अब धरना ही परही

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    1. हिरदे ले बहुत बहुत शुक्रिया भाई अहिलेश्वर🙏🙏🌹🌹

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  11. करे दिखावा का मिले,धरम करम के नाँव।
    सुख दुख बाँटत ला जियौं,दया मया के छाँव।।
    वाह्ह सूर्या भैया!समाजिक सम्स्या ऊपर सुग्घर सार छंद।बधाई

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    1. भाई पोखन के अंतस ले शुक्रिया जी
      🌹🌹🙏🙏🙏

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  12. सामाजिक कुरीति के ऊपर सार करारा प्रहार आदरणीय!

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    1. सादर हिरदे ले धन्यवाद आदरणीय
      🙏🙏🌹🌹

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  13. बहुत शानदार रचना भैयाजी

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  14. बहुत शानदार रचना भैयाजी

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    1. भाई ल अंतस बहुत बहुत धन्यवाद
      🌹🌹🙏🙏

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  15. वाह्ह वाह वाह्ह गुप्ता भइया अब्बड़ सुग्घर विषय मा शानदार सन्देश देवत सुग्घर सार छंद भइया बहुत बहुत बधाई गो 🙏🙏

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  16. बहुत सुग्घर छंद रचे हव आपमन...बहुत बधाई

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    1. रचना पसंद आइस आपला ए मोर सौभाग्य ए..हिरदे ले बहुत बहुत धन्यवाद भाई ल
      🌹🌹🙏🙏🌹🌹

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  17. वाह आद.बड़े भैया बहुत सुग्घर वर्ए के स्थिति ला लिखे हव👏👏👏👌💐💐

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    1. अंतस ले धन्यवाद बहिनी
      🌹🌹🙏🙏🌹🌹

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  18. बहुत सुग्घर बहुत बहुत बधाई

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  19. अंतस ले शुक्रिया जी...🌹🌹🙏🙏

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  20. Replies
    1. सबले पहली ए खजाना म ए नानकुन सिक्का ल
      आप डारेव ओकर बर आभार आपके..अउ रचना पसंदगी बर बहुत बहुत धन्यवाद भाई जितेंद्र..🌹🌹🙏🙏

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  21. बेहतरीन गुरुदेव

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    1. बहुत बहुत धन्यवाद भाई डी.पी.🌹🌹🙏🙏

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  22. बहुत बढ़िया रचना गुप्ता जी
    बधाई हो

    महेन्द्र देवांगन माटी

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    1. भाई माटी जी ल सादर धन्यवाद रचना पसंद आइस आपला...

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  23. वाह, सुघ्घर भैया,,छा गेव

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