शिव विवाह के बरतिया वर्णन -
बिकट बरतिया बिदबिद बाजँय, चाल चलय बेढ़ंग।
बिरबिट करिया भुरुवा सादा, कोनो हे छतरंग।।1
कोनो उघरा उखरा उज्जट, उदबिदहा उतलंग।
उहँदा उरभट कुछु नइ घेपँय, उछला उपर उमंग।2
रोंठ पोठ सनपटवा पातर, कोनो चाकर लाम।
नकटा बुचुवा रटहा पकला, नेंग नेंगहा नाम।।3
खरभुसरा खसुआहा खरतर, खसर-खसर खजुवाय।
चिटहा चिथरा चिपरा छेछन, चुन्दी हा छरियाय।।4
जबर जोजवा जकला जकहा, जघा-जघा जुरियाय।
जोग जोगनी जोगी जोंही, बने बराती जाय।।5
भुतहा भकला भँगी भँगेड़ी, भक्कम भइ भकवाय।
भसरभोंग भलभलहा भइगे, भदभिदहा भदराय।।6
भकर भोकवा भिरहा भदहा, भूत भसड़हा भरमार।
भीम भकुर्रा भैरव भोला, भंडारी भरतार।।7
मौज मगन मनमाने मानय, जौंहर उधम मचाय।
चिथँय कोकमँय हुदरँय हुरमत, तनातनी तनियाय।।8
आसुतोस तैं औघड़दानी, अद्भूत तोर बिहाव।
अजर अमर अविनासी औघड़, अड़हा अमित हियाव।।9
रचनाकार - श्री कन्हैया साहू "अमित"
(शिक्षक)भाटापारा
बिकट बरतिया बिदबिद बाजँय, चाल चलय बेढ़ंग।
बिरबिट करिया भुरुवा सादा, कोनो हे छतरंग।।1
कोनो उघरा उखरा उज्जट, उदबिदहा उतलंग।
उहँदा उरभट कुछु नइ घेपँय, उछला उपर उमंग।2
रोंठ पोठ सनपटवा पातर, कोनो चाकर लाम।
नकटा बुचुवा रटहा पकला, नेंग नेंगहा नाम।।3
खरभुसरा खसुआहा खरतर, खसर-खसर खजुवाय।
चिटहा चिथरा चिपरा छेछन, चुन्दी हा छरियाय।।4
जबर जोजवा जकला जकहा, जघा-जघा जुरियाय।
जोग जोगनी जोगी जोंही, बने बराती जाय।।5
भुतहा भकला भँगी भँगेड़ी, भक्कम भइ भकवाय।
भसरभोंग भलभलहा भइगे, भदभिदहा भदराय।।6
भकर भोकवा भिरहा भदहा, भूत भसड़हा भरमार।
भीम भकुर्रा भैरव भोला, भंडारी भरतार।।7
मौज मगन मनमाने मानय, जौंहर उधम मचाय।
चिथँय कोकमँय हुदरँय हुरमत, तनातनी तनियाय।।8
आसुतोस तैं औघड़दानी, अद्भूत तोर बिहाव।
अजर अमर अविनासी औघड़, अड़हा अमित हियाव।।9
रचनाकार - श्री कन्हैया साहू "अमित"
(शिक्षक)भाटापारा
वाहःहः अमित भाई शिव विवाह के बहुते सुघ्घर बर्णन करे हव।
ReplyDeleteशिव के महिमा अपरम्पार। सरस = सरसी। कई ठन शब्द मोला समझ मा नहीं आइस, कन्हैया।
ReplyDeleteवा बहुत बढ़िया रचना लिखे हस साहू जी पढ़ के मजा आगे ।
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई हो ।
महेन्द्र देवांगन माटी
वाह वाह बहुत बढ़िया बधाई हो भईया जी
ReplyDeleteवाह वाह बहुत बढ़िया बधाई हो भईया जी
ReplyDeleteबेहतरीन रचना सर।सादर बधाई
ReplyDeleteबेहतरीन रचना सर।सादर बधाई
ReplyDeleteशिव जी के बिहाव के बरतिया मन के वर्णन सुग्घर ढंग ले करे हव भैया जी। सादर बधाई।
ReplyDeleteजबरदस्त शिव बिहाव के वर्णन अमित भाई,
ReplyDeleteमजा आगे
जबरदस्त शिव बिहाव के वर्णन अमित भाई,
ReplyDeleteमजा आगे
वाह सुग्घर सरसी रचे हव अमित जी।बधाई।
ReplyDeleteवाह क्या कहना।जबरजस्त
ReplyDeleteबार बार पढ़े के मन करथे एला, जबरजस्त शब्द अनुप्रास भरे हव।बधाई सर
ReplyDeleteआप सबो ला अंतस ले अभार।
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