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Thursday, December 17, 2020

36 गढ़ के 36 भाजी-

 36 गढ़ के 36 भाजी-


रहिथे गाँव कड़ार मा, लिखे हवय जगदीश।

छत्तीसगढ़ के मैं कहँव, ये भाजी छत्तीस।।


भाजी  *तिवरा*  *गोंदली*,  *मुनगा*  अउ *बोहार*।

*चुनचुनिया* अउ *चौलई*,मिलय *चरोटा* खार।।


*कुरमा पटवा  खेंडहा*, *पुतका*  भाजी *लाल*।

*भथवा मेथी लहसुवा*, *सरसों* करे कमाल।।


*गोभी कुसुम  मछेरिया,बर्रे  मखना* लाय।

*चना अमारी* राँध ले, *कजरा* गजब सुहाय।।


*गुडरू  उरला  चिरचिरा,  चेंच  चनौरी* सार।

*तिनपनिया* अउ *करमता*, *कांदा* बगरे नार।।


*मुरई मुसकेनी* *गुमी*, *पालक* भाजी शान।

खावव  येला  मन  लगा, हो जावव बलवान।।


             *जगदीश "हीरा" साहू*

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