कज्जल छंद- ज्ञानुदास मानिकपुरी
मात पिता जग मा महान।
कोन करै महिमा बखान।।
पार नही पावय पुरान।
दुनियाँ मा जान भगवान।।
चलबो इँखरे पद निशान।
इँखर वचन ला सत्य मान।।
सदा रथे देत वरदान।
बोली अमरित के समान।।
कहना का अब मोर मान।
करम धरम औ सार दान।।
सादा होवय खान पान।
अपन मुक्ति के राह जान।।
भजन भाव मा हो धियान।
लगे काम हा झन जियान।।
रखव अपन सुरता सियान।
हिरदै मा गुरु के गियान।।
छंदकार- ज्ञानुदास मानिकपुरी
ग्राम- चंदेनी (कवर्धा)
जिला- कबीरधाम (छ्त्तीसगढ़)
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