Followers

Friday, December 11, 2020

कज्जल छंद- अशोक धीवर "जलक्षत्री"

 कज्जल छंद- अशोक धीवर "जलक्षत्री"


बेटी हवय बड़ा अमोल।

    येला कखरो सँग न तोल।।

         जग मोहय येखर ग बोल।

              ए लक्ष्मी ये भेद खोल।।१।।

बेटी - बेटा भेद काय।

     बेटा जब ना काम आय।।

          बेटी अपन फरज निभाय।

                सेवा कर बेटा कहाय ।।२।।

देवी के ये हे अवतार।

    पाल -पोस के करय पार।।

         "जलक्षत्री" के सुन पुकार।

                कोख म येला झन ग मार ।।३।।



रचनाकार - अशोक धीवर "जलक्षत्री"

ग्राम -तुलसी (तिल्दा-नेवरा)

जिला- रायपुर (छत्तीसगढ़)

सचलभास क्र. - ९३००७१६७४०

No comments:

Post a Comment