कज्जल छंद- अशोक धीवर "जलक्षत्री"
बेटी हवय बड़ा अमोल।
येला कखरो सँग न तोल।।
जग मोहय येखर ग बोल।
ए लक्ष्मी ये भेद खोल।।१।।
बेटी - बेटा भेद काय।
बेटा जब ना काम आय।।
बेटी अपन फरज निभाय।
सेवा कर बेटा कहाय ।।२।।
देवी के ये हे अवतार।
पाल -पोस के करय पार।।
"जलक्षत्री" के सुन पुकार।
कोख म येला झन ग मार ।।३।।
रचनाकार - अशोक धीवर "जलक्षत्री"
ग्राम -तुलसी (तिल्दा-नेवरा)
जिला- रायपुर (छत्तीसगढ़)
सचलभास क्र. - ९३००७१६७४०
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