*अमृतध्वनि छंद*-बोधनराम निषाद जी
(1) धान के प्रकार
रानी काजर चेपटी,विष्णुभोग पहिचान।
बासमती सफरी डँवर,परी माँसुरी धान।।
परी माँसुरी,धान सरोना,अउ गुरमटिया।
एच एम टी,महमाया अउ,लुचई बढ़िया।।
पसहर खधुहन,धान करेरा,आनी बानी।
जीरा फुलवा,तुलसी मँजरी,धनिया रानी।।
(2) गाँव के देवी देवता
कोसागाई शीतला, ठाकुर बूढ़ा देव।
भँइसासुर अउ साँहड़ा,आशीष बने लेव।।
आशीष बने, लेव सबोझन, ये समलाई।
रिक्षिन दाई, चंडी दाई, अउ महमाई।।
सर्वमंगला, हे बंजारी, हे बमलाई।
सत्ती दाई, गौरी - गौरा, कोसागाई।।
(3) अमराई
अमराई मा गाँव के, गीत कोइली गाय।
सुग्घर पुरवाई चलै,मन ला अब्बड़ भाय।।
मन ला अब्बड़,भाय सबो के,कुँहु कुँहु बोली।
खेलय लइका,मीत मितानी,मिल हमजोली।
आथे सुरता, हमर गाँव के, बहिनी भाई।
झुलना झूलै,हँसी खुशी मा,इहि अमराई।।
बोधन राम निषादराज
सहसपुर लोहारा,जिला-कबीरधाम(छ.ग.)
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