ताटंक+सरसी छंद गीत-डीपी लहरे
बेटा बन जा सरवन जइसे,
जग मा नाँव कमाले रे।
दाई बाबू के सेवा कर,
सउँहे भाग जगाले रे।।
नान्हे पन ले पाले पोंंसे
दया मया बरसाके जी।
लइकन मन बर खुशी लुटावँय,
दुख पीरा बिसराके जी।।
दाई बाबू बर हँस हँस के,
अब्बड़ खुशी लुटाले रे।
बेटा बन जा सरवन जइसे,
जग मा नाँव कमाले रे।
समझ इहाँ दाई बाबू मन,
परगट हें भगवान।
इँखरे पूजा करके संगी,
दे निसदिन सम्मान।।
दाई बाबू के मन हरसाके
नाता बने निभाले रे।
बेटा बन जा सरवन जइसे,
जग मा नाँव कमाले रे।।
द्वारिका प्रसाद लहरे"मौज"
कवर्धा छत्तीसगढ़
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