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Friday, December 25, 2020

गुरु/चौपाई छंद -सुधा शर्मा

 गुरु/चौपाई छंद -सुधा शर्मा


गुरु बिन ग्यान कहाँ मैं पावँव।

भटकत रद्दा केती जावँव।।

गुरु बिन बस अँधियारी छावै।

नीक बाट ला कोन बतावै।।


होथे गा गुरु ज्ञानी गंगा।

बोहे धारा बुद्धि तरंगा।।

गुरु कस नइए कोनो दानी।

बुद्धि बिकट हे गुण के खानी।।


गुरु चरनन ला नित मैं ध्यावौं।

पद पंकज मा मूड़ नवावौं।।

ईश्वर आगू गुरु के पूजा।

गुरु ले बड़का नइहे दूजा।।


ब्रम्हा  बिष्णु सब कह गुरु पावन।

गुरु सेवा सब पाप नसावन।।

ब॔दव  गुरु के पद अनुरागा।

मति कर विमल जगावय भागा।।


राखो किरपा गुरु हे वंदन।

करँव शीश पग धुर्रा चंदन।।

क्षमा सबो गुरु दोष ल करके।

बाट रेंगाए अँगरी धरके।।


 

सुधा शर्मा 

राजिम छत्तीसगढ़

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