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Friday, August 24, 2018

आल्हा छन्द - श्री हेमलाल साहू


आजाद भगत गौतम गाँधी, जइसन बनहूँ महूँ महान।
अपन देश बर मर मिट जाहू, रखहूँ दाई के मँय मान।1।

भारत माता के चोला ला, बनहूँ पहन शिवाजी वीर।
भुइँया दाई के सेवा कर, जन जन के हरहू मँय पीर।2।

कपट भेद ला मेटव मन के, नाता रिश्ता सुघ्घर जोर।
प्रेम दया ला बाटव सुघ्घर, अपन देश के चारो ओर।3।

अपन देश मा मानवता ला, हमन जगाबो बन पहचान।
मिल नवा नवा रद्दा गढ़बो, भुइँया मा लाबो भगवान।4।

हरियर हरियर लुगरा पहिने, सुघ्घर धरती दाई मोर।
हाँसत रइही भुइँया दाई, दया मया धर अँचरा छोर।5।

सबो डहर खुशयाली रइही, चिरई चिरगुन के बन सोर।
गाँव गाँव ला सरग बनाबो, आवय भैया नवा अँजोर।6।

छन्दकार - श्री हेमलाल साहू 
ग्राम गिधवा, पोस्ट नगधा
तहसील नवागढ़ बेमेतरा
मो.नम्बर 9977831273

29 comments:

  1. बहुतेच सुग्घर आल्हा छंद के सिरजन गुरुजी

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    1. सादर धन्यवाद भैया जी पर आपके नाम के पता नई चलत हवे तो पहिचान नई हो पात हवे।

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  2. आल्हा छंद के माध्यम ले बहुत बढ़िया सन्देश हे आदरणीय।

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  3. वाहःहः बहुत बहुत बधाई हो भाई

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  4. वाह वाह हेमलाल साहू जी बहुतेच सुग्घर बधाई!!!

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    1. सादर धन्यवाद चन्द्रवंशी भैया

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  5. बड़ सुघ्घर आल्हा छंद म भारत भुइँया के बखान हेम भाई।बधाई!!

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  6. बड़ सुघ्घर आल्हा छंद म भारत भुइँया के बखान हेम भाई।बधाई!!

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  7. बहुत बढ़िया आल्हा छंद हेम भाई

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  8. बहुत बढ़िया आल्हा छंद हेम भाई

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  9. सुग्घर संदेश देवत हव गुरुजी बधाई आपमनला👌💐

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    1. सादर धन्यवाद आशा आजाद जी

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  10. सुंदर आल्हा मा कहि दे हस, मानवता लाये के बात।
    खतम होत हे संस्कार अउ, अत्याचारी बाढ़त जात।।
    साहित सेवा के संगे सँग, रोके बर जी अत्याचार।
    सकलावन आगू हम आवन, चलौ करन इंकर संहार।।
    (संस्कार के उच्चारण संसकार कस होथे भाई त एकर प्रयोग करे हौं...)
    सादर बधाई भाई....बढ़िया आल्हा

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    1. सादर प्रणाम अउ धन्यवाद बड़े भैया जी।

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  11. बहुत सुग्घर रचना सर। बहुत बहुत बधाई

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  12. बहुत सुग्घर रचना सर। बहुत बहुत बधाई

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    1. सादर धन्यवाद भाई ज्ञानु जी

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  13. वाहहह वाहह हेम सर बहुत सुन्दर भाव धरे शानदार आल्हा छंद।

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  14. शानदार आल्हा छंद हे भैया। बधाई।

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  15. बहुतेच सुग्घर सिरजन

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