जयकारी (चौपई) छंद - पेट
पेट देख के होवय गोठ,कखरो पातर कखरो मोठ।
देख पेट ला जाबे जान,कोन सेठ मजदूर किसान।1।
पेट करावय करम हजार,कोनो खावय दर-दर मार।
नाचा गम्मत होय व्यपार,सजे पेट बर हाट बाजार।2।
पेट पालथे कोनो हाँस,कोनो ला गड़ जाथे फाँस।
धरे पेट बर कोनो तीर,ता कोनो बन जावय वीर।3।
मचे पेट बर कतको रार,कोनो बेंचें खेती खार।
पेट पलायन कभू कराय,गाँव ठाँव सबला छोड़ाय।4।
नाप नाप के कोनो पेट,खान पान ला करे ग सेट।
कोनो भूख मा पेट ठठाय,कोनो खा पी के अँटियाय।5।
कखरो पेट ल भाये नून,कोनो पी जावय गा खून।
कोनो खोजे मँदिरा माँस,पेट फुलावय कोनो हाँस।6।
पेट भरे तब लालच आय,धन दौलत मनखे सिरजाय।
पेट जानवर के दमदार,तभो धरे नइ चाँउर यार।7।
बित्ता भर वाले ला देख,रटे पेट ताकय कर रेख।
रखे पेट खातिर धन जोर,कतको मन बन जावय चोर।8।
ऊँच नीच जब खाना होय,पचे नहीं बीमारी बोय।
पेट पीरा हर लेवय चैन,पेट कभू बरसावय नैन।9।
लाँघन ला दौ दाना दान,पेट हरे सबझन के जान।
दाना चाही दूनो जून,पेट भरे ता मिले सुकून।10।
ढोंगी अधमी पावै दुःख, मरे पेट ओ मन के भूख।
करे जउन मन हा सतकाम,पेट भरे वो सबके राम।11।
छन्दकार - श्री जीतेंद्र वर्मा"खैरझिटिया"
बाल्को(कोरबा)
सादर नमन गुरुदेव
ReplyDeleteसादर नमन ,सादर प्रणाम
Deleteवाहःहः भाई जितेंन्द्र
ReplyDeleteबढ़िया चौपई छंद सिरजाय हव।
बहुत बहुत बधाई
सधन्यवाद दीदी
Deleteछंदकार के ऐकैच पहचान जितेंद्र भैया हे ओकर नाम
Deleteसधन्यवाद
Deleteसब आप सबके मार्गदर्शन अउ आशीष ए दीदी
Deleteबड़ सुघ्घर कविवर महोदय
ReplyDeleteसधन्यवाद भाई
Deleteसधन्यवाद
Deleteबहुत बढ़िया
ReplyDeleteसादर नमन सर जी,
Deleteसधन्यवाद
DeleteJandar,jabardast mitra
ReplyDeleteकृपया अपने प्रोफाइल मा अपन नाम लिख लेवव। unknown लिखाय आवत हे त पता नइ चलत हे कि आप कोन हव।
Deleteधन्यवाद सर जी
Deleteसधन्यवाद
Deleteहव सर आपके नाम बिना पहचान नइ पॉवत हन
Deleteवाहहहह जबरदस्त रचना वर्मा जी पेट तो पेट होथे फेर पेट ल देख कर्म बताय के बने अध्ययन करे हव।बधाई
ReplyDeleteसधन्यवाद सर जी
Deleteसधन्यवाद
Deleteवाह वाह बहुत बढ़िया।
ReplyDeleteसादर नमन
Deleteसधन्यवाद
DeleteBahut badhiya bhai sab
ReplyDeleteकृपया अपने प्रोफाइल मा अपन नाम लिख लेवव। unknown लिखाय आवत हे त पता नइ चलत हे कि आप कोन हव।
Deleteसधन्यवाद
Deleteनइ चिन्ह पॉवत हैं सर जी।।गुरुदेव के अनुसार नाम लिखव
Deleteबहुत बढ़िया रचना भइया जी बधाई हो
ReplyDeleteसधन्यवाद भैया
Deleteसधन्यवाद
Deleteबड़ सुघ्घर चौपई जितेन्द्र बधाई हो
ReplyDeleteसादर नमन सर जी
Deleteसधन्यवाद
Deleteशानदार सर जी
ReplyDeleteशानदार सर जी
ReplyDeleteसधन्यवाद सर जी
Deleteसादर सधन्यवाद
Deleteआपके मया सर
Deleteवाहहह वाहहह सर बहुत सुन्दर जयकारी छंद।
ReplyDeleteभैया जी
Deleteसधन्यवाद भैया जी
ReplyDeleteवाह वाह उम्दा चौपई छंद।हार्दिक बधाई।
ReplyDeleteसादर नमन सर जी
ReplyDeleteअनंत बधाई गुरुजी💐💐👌
ReplyDeleteसादर सधन्यवाद
Deleteबहुत सुंदर वर्मा भैया
ReplyDeleteसधन्यवाद भाई
Deleteसधन्यवाद
Deleteअनुपम कृति सर
ReplyDeleteसादर सधन्यवाद
Deleteसधन्यवाद
Deleteसधन्यवाद
Deleteपेट विषय मा शानदार चौपई छंद ।सादर बधाई भैया जी
ReplyDeleteसधन्यवाद
Deleteगजब के रचना गुरुदेव
ReplyDeleteसादर धन्यवाद
Deleteसधन्यवाद दीदी
Deleteआप के रचना ला पढ़ सुन के हिरदे गदगद हो जथे वर्मा जी बहुत बहुत बधाई - - - - - - -!
ReplyDeleteसादर नमन सर जी
Deleteसधन्यवाद
Deleteपेट विषय म प्रयास,आप सबके आशीष पाके अन्तस् हितागे
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