आजाद भगत गौतम गाँधी, जइसन बनहूँ महूँ महान।
अपन देश बर मर मिट जाहू, रखहूँ दाई के मँय मान।1।
भारत माता के चोला ला, बनहूँ पहन शिवाजी वीर।
भुइँया दाई के सेवा कर, जन जन के हरहू मँय पीर।2।
भुइँया दाई के सेवा कर, जन जन के हरहू मँय पीर।2।
कपट भेद ला मेटव मन के, नाता रिश्ता सुघ्घर जोर।
प्रेम दया ला बाटव सुघ्घर, अपन देश के चारो ओर।3।
प्रेम दया ला बाटव सुघ्घर, अपन देश के चारो ओर।3।
अपन देश मा मानवता ला, हमन जगाबो बन पहचान।
मिल नवा नवा रद्दा गढ़बो, भुइँया मा लाबो भगवान।4।
मिल नवा नवा रद्दा गढ़बो, भुइँया मा लाबो भगवान।4।
हरियर हरियर लुगरा पहिने, सुघ्घर धरती दाई मोर।
हाँसत रइही भुइँया दाई, दया मया धर अँचरा छोर।5।
हाँसत रइही भुइँया दाई, दया मया धर अँचरा छोर।5।
सबो डहर खुशयाली रइही, चिरई चिरगुन के बन सोर।
गाँव गाँव ला सरग बनाबो, आवय भैया नवा अँजोर।6।
गाँव गाँव ला सरग बनाबो, आवय भैया नवा अँजोर।6।
छन्दकार - श्री हेमलाल साहू
बहुतेच सुग्घर आल्हा छंद के सिरजन गुरुजी
ReplyDeleteसादर धन्यवाद भैया जी पर आपके नाम के पता नई चलत हवे तो पहिचान नई हो पात हवे।
Deleteआल्हा छंद के माध्यम ले बहुत बढ़िया सन्देश हे आदरणीय।
ReplyDeleteसादर धन्यवाद
Deleteवाहःहः बहुत बहुत बधाई हो भाई
ReplyDeleteसादर धन्यवाद दीदी
Deleteवाह वाह हेमलाल साहू जी बहुतेच सुग्घर बधाई!!!
ReplyDeleteसादर धन्यवाद चन्द्रवंशी भैया
Deleteबड़ सुघ्घर आल्हा छंद म भारत भुइँया के बखान हेम भाई।बधाई!!
ReplyDeleteबड़ सुघ्घर आल्हा छंद म भारत भुइँया के बखान हेम भाई।बधाई!!
ReplyDeleteबहुत बढ़िया बधाई हो
ReplyDeleteबहुत बढ़िया आल्हा छंद हेम भाई
ReplyDeleteबहुत बढ़िया आल्हा छंद हेम भाई
ReplyDeleteसुग्घर संदेश देवत हव गुरुजी बधाई आपमनला👌💐
ReplyDeleteसादर धन्यवाद आशा आजाद जी
Deleteसुग्घर रचना बधाई।
ReplyDeleteसुंदर आल्हा मा कहि दे हस, मानवता लाये के बात।
ReplyDeleteखतम होत हे संस्कार अउ, अत्याचारी बाढ़त जात।।
साहित सेवा के संगे सँग, रोके बर जी अत्याचार।
सकलावन आगू हम आवन, चलौ करन इंकर संहार।।
(संस्कार के उच्चारण संसकार कस होथे भाई त एकर प्रयोग करे हौं...)
सादर बधाई भाई....बढ़िया आल्हा
सादर प्रणाम अउ धन्यवाद बड़े भैया जी।
Deleteबहुत सुग्घर रचना सर। बहुत बहुत बधाई
ReplyDeleteबहुत सुग्घर रचना सर। बहुत बहुत बधाई
ReplyDeleteसादर धन्यवाद भाई ज्ञानु जी
Deleteवाहहह वाहह हेम सर बहुत सुन्दर भाव धरे शानदार आल्हा छंद।
ReplyDeleteशानदार हेम भाई
ReplyDeleteशानदार हेम भाई
ReplyDeleteसुपर
ReplyDeleteवाह खूब भाई
ReplyDeleteशानदार आल्हा छंद हे भैया। बधाई।
ReplyDeleteअब्बड़ सुग्घर
ReplyDeleteबहुतेच सुग्घर सिरजन
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