नँदागे......
कहाँ नँदागे ढेकी जाँता, सूपा सुपली लोढ़ा सील।
कहाँ नँदागे छितका कुरिया,राचर खपरा अउ कमचील।1।
कहाँ नँदागे खो खो फुगड़ी,लिब्बा डंडा अउ रेचूल।
कहाँ नँदागे भँवरा बाटी,बाँधे मया झूलना झूल।2।
कहाँ नँदागे तीरी पासा,भटकउला अउ नदी पहाड़।
कहाँ नँदागे सगली भतली,छइँहा पीपर अमली झाड़।3।
कहाँ नँदागे घाट घठौंदा,कुँवा बावली टेड़ा ताल।
कहाँ नँदागे गुड़ी गाँव ले,पारा पइठा के चउँपाल।4।
कहाँ नँदागे दौरी बेलन,बरदी परिया अउ दइहान।
कहाँ नँदागे अमरइया मन,बेजा कब्जा हे शमशान।5।
कहाँ नँदागे गरुवा कोठा,चुरय कसेली भर भर दूध।
कहाँ नँदागे देख गोरसी,जाड़ भगा तन राखय शुद्ध।6।
कहाँ नँदागे पड़की मैना,सुवा कोयली मीठा बोल।
कहाँ नँदागे झाँझ मँजीरा,बंसी नाल तमूरा ढोल।7।
कहाँ नँदागे नाचा गम्मत,चौंका पूजा के कड़िहार।
कहाँ नँदागे जोक्कड़ ग परी,लोरिक चंदा के दिन चार।8।
कहाँ नँदागे खाट मचोली,बइला आँखी रहय गथान।
कहाँ नँदागे पोरा करसी, माटी मरकी धरे अथान।9।
कहाँ नँदागे पागा खुमरी,चीला संग अँगाकर रोठ।
कहाँ नँदागे बात सियानी,अब हे राजनीति के गोठ।10।
छन्दकार - इंजी. गजानंद पात्रे "सत्यबोध"
छत्तीसगढ़
बधाई हो सर जी
ReplyDeleteधन्यवाद अतनू भाई जी।
DeleteBadhai ho Patre sir.
Deleteवाग्ह्ह्ह् पात्रे भइया, गज़ब के विषय ल ले के छंद रचना
ReplyDeleteधन्यवाद भैया जी।
Deleteकहाँ नंदागे.....
ReplyDeleteबहुत बढ़िया विषय उठाय हव पात्रे सर जी।
बधाई झोंकव।
धन्यवाद भैया जी।
ReplyDeleteअब्बड़ सुग्घर भावपूर्ण आल्हा छंद भइया बधाई हो
ReplyDeleteधन्यवाद मयारू भाई!!
Deleteधन्यवाद मयारू भाई!!
Deleteधन्यवाद दीदी!!
ReplyDeleteवाह वाह भैया,शानदार
ReplyDeleteधन्यवाद,वर्मा जी!!
Deleteबहुत बढ़िया आदरणीय हमर प्राचीन संस्कृति ला बढ़िया आल्हा छंद मा समोखे हव।
ReplyDeleteधन्यवाद सिन्हा जी!!
Deleteधन्यवाद सिन्हा जी!!
DeleteBadhai ho Patre sir.
ReplyDeleteBahut sundae Patre sir
ReplyDeleteNarendra Khande
अंतस ले बधाई भाई जी!@
ReplyDeleteअंतस ले बधाई भाई जी!@
ReplyDeleteसुघ्घर चिंतन
ReplyDeleteबड़ सुग्घर आल्हा छंद हे भैया जी ।सादर बधाई।
ReplyDeleteबहुत शानदार रचना सर
ReplyDeleteबहुत शानदार रचना सर
ReplyDeleteबधाई पात्रे जी।सुग्घर आल्हा रचे हव।
ReplyDeleteबहुत बढ़िया रचना भइया जी बधाई हो
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना गुरुदेव जी बहुत बहुत बधाई
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना गुरुदेव जी बहुत बहुत बधाई
ReplyDeleteसुन्दर विषय मे प्रभावी रचना गुरुजी बधाई हो आपला
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