*लावणी (मिश्रित ) छंद*
कोख मार दँव बेटी ला जी, कहत जीभ थर्रावत हे ।
देख हाल बेटी के जग मा, मोर जीव घबरावत हे ।(1)
देवी बनके अँगना मा जी, देवत रहिथे किलकारी ।
दुबके बइठे आज लेत हे, कइसे ओहर सिसकारी ।(2)
पूजा होथे बेटी के जी, सुँनें तिहाँ देवता रहिथे।
वेद- शास्त्र के बात सबो झन, दूसर ला कहिते रहिथे ।(3)
फेर आज काबर बाढ़त हे, बेटी संग दुराचारी ।
चुपचाप सियनहा हावय, कइसे हे ये लाचारी ।(4)
आवव मिलजुलकर के टोरी, फांसी के ये बँधना ला ।
लाठी लाठी मार भगावा, गली खोल उतलँघरा ला।(5)
आँखी फोर अंधरा जी करदव, बेटी जेन निटोरत हे ।
दाँत टोर दव ओखर जेन ह, देखत दाँत निपोरत हे।(6)
डबकत तेल उढ़ल देवव जी, हावय जेन बलत्कारी ।
फाँकी फाँकी फाँका करदव, हावय जेन दुराचारी ।(7)
गोड़ मूड़ ला बेटी के तो , सोला जी सिंगार करौ ।
भाला अऊ तलवार दे के, रण बर भी तैयार करौ ।(8)
खेल कबड्डी गिल्ली डंडा, फुगड़ी खेलन झटकन दौ ।
रणचण्डी के रूप ल धर के, दुश्मन बर अब दउड़न दौ। (9)
आड़ा काबर बेटी बर हे, बेटा बर भी साँट धरौ।
बेटा के तो चाल देख के, थोकन तो जी डाँट परौ ।(10)
बेटी दाई ,बहिनी ,भौजी , रूप कतक हे अवतारी।
मान होय बेटी के जग मा, बेटा जब हो संस्कारी ।(11)
छन्दकार - श्री दुर्गाशंकर इजारदार
सारंगढ़, छत्तीसगढ़
बहुत बढ़िया भाव हे आदरणीय। आप ला बहुत बहुत बधाई।
ReplyDeleteसादर धन्यवाद भइया जी
Deleteबहुतेच सुग्घर भाव भरे लावणी छंद भाई जी
ReplyDeleteसादर धन्यवाद आदरणीय
Deleteबहुत बढ़िया बधाई हो भईया जी
ReplyDeleteसादर धन्यवाद असकरन भइया जी
Deleteबेहतरीन लिखा
ReplyDeleteसादर धन्यवाद आदरणीय
Deleteखूब
ReplyDeleteसादर धन्यवाद भइया जी
Deleteवाहःहः बहुत बढ़िया
ReplyDeleteसादर धन्यवाद दीदी, नमन
Deleteवाहःहः बहुत बढ़िया
ReplyDeleteसादर नमन दीदी
Deleteबहुत सुन्दर संदेश देवत लावणी छंद भाई जी बहुत बहुत बधाई
ReplyDeleteसादर धन्यवाद साहू भइया जी
Deleteबहुत सुघ्घर लावणी छंद,बधाई!!
ReplyDeleteसादर धन्यवाद भइया जी
Deleteबहुत सुघ्घर लावणी छंद,बधाई!!
ReplyDeleteसादर नमन भइया जी
Deleteसुग्घर सृजन।हार्दिक बधाई।
ReplyDeleteसादर धन्यवाद, प्रणाम भइया जी
Deleteबहुत सुघ्घर संदेश देवत रचना,भइया जी
ReplyDeleteसादर धन्यवाद दीदी
Deleteसुग्घर सोंच अउ लाजवाब सृजन। हार्दिक बधाई अउ शुभकामना हे,भैया जी ।
ReplyDeleteसादर धन्यवाद भइया जी
Deleteसुग्घर सोंच अउ लाजवाब सृजन। बधाई अउ शुभकामना हे भैया जी
ReplyDeleteसादर नमन भइया जी
Deleteशानदार भावाभिव्यक्ति सुंदर विषय पर बढ़िया सृजन किया है।हार्दिक शुभकामनाएं सरजी।
ReplyDeleteसादर धन्यवाद सर जी, सादर आभार
Deleteगजब सुग्घर सर
ReplyDeleteगजब सुग्घर सर
ReplyDeleteसुग्घर लांवणी छंद बर बधाई।
ReplyDeleteबहुत बढ़िया भइया जी बधाई हो
ReplyDeleteबहुत सुंदर आदरणीय मन आनंदित होगे
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