बूँद बूँद के कीमत जानव, झन करहू मनमानी।
जंगल रइही पानी गिरही,सब ला जीवन मिलही।
हँसी खुशी मा जिनगी कटही,फूल सुमत के खिलही।
टोंटी राहय घर के नल मा,बिरथा झन हो पानी।
बाँट बाँट के बउरव सब झन, पानी हे जिनगानी।
बाँध बना के रोकव पानी,नहर बना के सींचव।
एनीकट बनगे नदिया मा,पंप लगा के खींचव।
वाटर हार्वेस्टिंग ल करबो,वाटर लेबल बढ़ही।
गरमी मा भी पानी मिलही,पानी बोर म चढ़ही।
पानी सबो बचावव संगी,शुभ हे पेंड़ लगाना।
पानी देही येहा संगी, सँग मा हरियर पाना।
जंगल के भरमार जिहाँ हे,जम के गिरथे पानी।
बिन पानी के कुछु ना सिरजय,बिरथा हे जिनगानी।
बूँद बूँद बर तरसे लोगन,मार काट हो जाथे।
काम करे बिन सोंचे समझे,का हासिल हो पाथे।
छन्दकार - श्री अजय "अमृतांशु"
भाटापारा, छत्तीसगढ़
वाहःहः भाई अजय
ReplyDeleteबहुत बढ़िया शुरुआत।
बहुत बहुत बधाई
आभार दीदी
Deleteलाजवाब सार छंद अजय भैया!!बधाई
ReplyDeleteलाजवाब सार छंद अजय भैया!!बधाई
ReplyDeleteहार्दिक आभार भाई जी
Deleteवाह वाह सुग्घर सार छंद अजय भाई।
ReplyDeleteहार्दिक आभार बड़े भैया
Deleteवाह वाह वाह.....
ReplyDeleteकहत महत्तम पानी के जी, सुग्घर छंद रचाये।
सार बात बिन पानी के तो,जिनगी बिरथा जाये।।
रहिमन बाबा कहिन बात सब सुन्ना हे बिन पानी।
पानी के बुलबुला सही हे, मानुष के जिनगानी।।
भाई अजय अमृतांश ल हिरदे ले अब्बड़ अकन बधाई...
हार्दिक आभार बड़े भैया
DeleteThis comment has been removed by the author.
Deleteबहुत सुंदर अजय
Deleteअब्बड़ सुग्घर पानी के महत्तम ला बतावत सर छंद भइया बधाई हो
ReplyDeleteधन्यवाद मोहन भाई
Deleteबहुत बढ़िया सार छंद भईया जी
ReplyDeleteधन्यवाद जोगी जी
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Deleteआपमन ला अनंत बधाई सर जी
ReplyDeleteहार्दिक आभार
Deleteबहुतेच बढ़िया सर जी
ReplyDeleteआभार सर जी
Deleteबहुत बहुत बधाई अजय भैया
ReplyDeleteआभार हेम भाई
Deleteआभार हेम भाई
Deleteअजय भाई जी, पानी के महत्ता बतात निच्चट सुग्घर छंद रचना
ReplyDeleteआभार सर जी
Deleteसिरतोन कहेव अजय भाई पानी हमला देख ताक के बउरे बर लागही। वाह सुग्घर सिरजन
ReplyDeleteहार्दिक आभार मितान जी
Deleteसुग्घर सिरजाय हव अजय जी बधाई।
ReplyDeleteहार्दिक आभार सर जी
Deleteबेहतरीन सर
ReplyDeleteआभार ज्ञानु भैया...
ReplyDeleteआभार ज्ञानु भैया...
ReplyDeleteअब्बड़ सुग्घर सार्थक रचना बधाई हो भाई
ReplyDeleteसादर आभार आदरणीय
Deleteसादर आभार आदरणीय
Deleteबहुत बढ़िया रचना भइया जी बधाई हो
ReplyDeleteधन्यवाद राजेश भाई
Deleteधन्यवाद राजेश भाई
Deleteशानदार सार छंद अमृतांशु सर।
ReplyDeleteआभार अहिलेश्वर जी
Deleteआभार अहिलेश्वर जी
Deleteवाह आदरणीय वाह।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर संदेश भइया जी
ReplyDeleteबहुत सुन्दर सन्देश परख रचना गुरुदेव जी
ReplyDeleteबहुत सुन्दर सन्देश परख रचना गुरुदेव जी
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