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Wednesday, August 22, 2018

सुंदरी सवैया - श्री मोहन लाल वर्मा


                      (1) 

परके  दुख ला नइ तैं समझे ,अउ रोज करे अपने मनमानी।
गरजे अबड़े  बल के मद मा,बनके जस रावण गा अभिमानी।
ककरो नइ बात सुने भइया, मद मा तँय चूर करे ग सियानी।
बइरी बड़ पोंस डरे जग मा,सिरतो करके खइता जिनगानी।।

                  (2)

भइया हमरे समझाय कहे,चल फाँद तहूँ बइला अउ गाड़ी।
बड़की भउजी खिसियाय कहे, नइ टारस तैं पथरा अउ काड़ी।
उपजे अबड़े बन खेत हवे, सब मेंड़ दिखे जस जंगल झाड़ी।
बइठे-बइठे कइसे चलही, जब बोर खनाय  रखे घर बाड़ी।।
                       
                          (3)

लइका हमरे गुणवान बने,चल कारज ला अइसे करबो जी।
पढ़के लिखके जुग योग्य बने,सत मारग ला अइसे गढ़बो जी।
सुरता करबो पुरखा मन के,अउ ध्यान सदा उँकरे धरबो जी।
सँहरावय गा इतिहास घलो,रचना अपने  अइसे रचबो जी।।

                         (4)

बइठे- बइठे गुनथौं मन मा ,कइसे अब आय हवे ग जमाना।
झगरा सुलझाँय नहीं मनखें,तज गाँव गुड़ी झट रेंगँय थाना।
करथें बरबाद सबो धन ला ,बिरथा गिनथें अबड़े तलवाना।
नइ हासिल गा कुछु होय उहाँ,तब मूँड़ धरे परथे पछताना।।

                       (5)

बरसै जब थोरिक बादर हा,उथली नरवा नदिया उफनाथें।
अध ज्ञान धरे मनखें अबड़े ,खुद के मुख मा गुणगान सुनाथें।
कमती मति के बस कारण मा,धनवान सहीं नुकसान गिनाथें।
छलके जल आध भरे गगरी,जइसे अपने सब हाल बनाथें।।

       रचनाकार:-  मोहन लाल वर्मा 
     पता:- ग्राम- अल्दा,पोस्ट आफिस-     तुलसी(मानपुर),व्हाया-हिरमी,विकास खंड-तिल्दा,जिला-रायपुर (छत्तीसगढ़)

62 comments:

  1. छंद के छ परिवार के ये साधक के रचना- सुंदरी सवैया हा छंद खजाना मा गुरुदेव के आशीष पाके सार्थक होगे।सादर नमन,गुरुदेव।

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  2. बहुत ही सुंदर सुंदरी सवैया भाई मोहन...
    तहे दिल से बधाई आपला...

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    1. हार्दिक आभार,प्रणाम गुरुजी

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    2. बढिया रचना लिखे हस मोहन भाई

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  3. बहुत सुघ्घर सुंदरी सवैया मोहन भैया जी।।

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  4. वाह मोहन भाई सुग्घर सुन्दरी सवैया

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  5. सुंदरी सवैया के रचयिता मोहन भैया।

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  6. सही केहेव भैया,,,बहुत बहुत बधाई

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  7. बहुतेच सुग्घर सुंदरी सवैया आदरणीय आप ल बहुतेच बधाई

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  8. बहुत सुन्दर सुन्दर सुन्दरी सवैया सिरजाय हव मोहन भैया वाहहहहह।

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  9. बहुतेच सुग्घर सुन्दरी सवैया। मोहन भाई ला सिरजन खातिर गाड़ा गाड़ा बधाई

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  10. अलग अलग विषय मा बड़ सुग्घर सुंदरी सवैया भइया जी

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  11. शानदार भावपूर्ण सुंदरी सवैया।हार्दिक बधाई।

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    1. गुरु कृपा अउ आशीष सदा मिलत रहय ।सादर प्रणाम

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  12. अलग अलग विषय मा बड़ सुग्घर सुंदरी सवैया भइया जी

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  13. अनुपम कृति , बहुत - बहुत बधाई सर

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  14. बहुत सुंदर भाई साहब।

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  15. सुंदरी सवैया के अनुपम सिरजन करे हव भैया। बहुत बढ़िया।

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  16. बड़ सुघ्घर सृजन आदरणीय ।बहुत बहुत बधाई हो।

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  17. बहुत बढ़िया रचना वर्मा जी
    गाड़ा गाड़ा बधाई हो

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  18. बहुत-बहुत सुंदर सर

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  19. सुग्घर सवैया रचे हव सरजी।बधाई।

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  20. वाहःहः मोहन भाई
    उत्कृष्ट सृजन
    बहुत बहुत बधाई

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  21. वाहःहः मोहन भाई
    उत्कृष्ट सृजन
    बहुत बहुत बधाई

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  22. बहुत सुंदर सुंदरी सवैया भइया जी बधाई हो

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  23. Kya bth bhaiya nice lines keep it up . My good wiahes always with you.pranam.

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  24. उत्कृष्ट रचना सर। बहुत बहुत बधाई

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  25. उत्कृष्ट रचना सर। बहुत बहुत बधाई

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  26. बहुत बढ़िया आदरणीय।

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  27. बहुत बढ़िया रचना हे। पढ़ के सीखे बर मिलथे।

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  28. बहुत सुघ्घर सुंदरी सवैया मोहन भैया जी।।

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  29. अति सुन्दर गुरुदेव जी

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  30. अब्बड़ सुग्घर

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