जिनगी हर बीतय जोरत जोरत अंत समे कुछु काम न आवय ।
सब मोह मया भुलवारत हे अउ छूटत साँस सबो तिरियावय ।
गिनके मिलथे जिनगी दिन हा तब ले मनखे मन जाय भुलावय
कतको भलमानुष हे जग मा जस के करनी कर नाम कमाय।
2--बलि
बदना बदके बलि देवत हे कतको मनखे मन देव मनावय|
झन मारव जीव जनावर ला सब मा सुनले भगवान समावय|
नइ माँगय देव कभू कउनों बलि ये मनखे मन रीत बनावय|
कुकरा बकरा बधिया कहिके मनखे जिभिया रस स्वाद बतावय|
3--आज का चित्रण
पहली बिहने हरिनाम भजे अउ राम कहे जय राम कहे सब ।
अब तो उठके सब फोन धरे अउ कॉल करे मिस कॉल करे तब |
युग हा बदले मनखे बदले तकनीक नवा सब बौरत हे अब ।
रतिया भर जागय नेट धरे दिन मा सुसतावय काम करे कब ।
4--नवा साल के बधाई
शुभ होवय साल नवा सबके जिनगी हर सुघ्घर सुन्दर बीतय |
परिवार सबो खुशहाल रहे सुख के तरिया ह कभू झन रीतय|
सुख मान मया सुमता नित बाढ़य दुःख सुवारथ ला सब जीतय|
दुनियाँ भर नाम करे जस के मनखे मन प्रेम मया रँग छीतय ।
5--
सब खोजय मंदिर तीरथ मा अउ खोजत हे तुंहला बन मा प्रभु|
कउनों नइ झांकय अंतस ला बइठे हिरदे रहिथौ मन मा प्रभु ।
नइ रीझव राज सिंहासन मा नहि दौलत मा नइतो धन मा प्रभु
बस भाव भरे मन उज्जर देखव रीझव बोइर माखन मा प्रभु ।
छंदकार - आशा देशमुख , छत्तीसगढ़
बहुत बहुत आभार गुरुदेव
ReplyDeleteआपके उदारता ला नमन हे गुरुवर।
सुघ्घर सुखी सवैया हे दीदी,बधाई!!
ReplyDeleteसादर आभार भाई
Deleteबहुँत बहुँत बधाई दीदी।सुग्घर रचे हव।
ReplyDeleteसादर आभार भाई जी
Deleteसुघ्घर सुखी सवैया हे दीदी,बधाई!!
ReplyDeleteसादर आभार भाई
Deleteबहुतेच सुग्घर सुखी सवैया आदरणीया दीदी जी बधाई
ReplyDeleteसादर आभार भाई
Deleteवाह.... शानदार सवैया दीदी
ReplyDeleteसादर आभार भाई अजय
Deleteबधाई हो दीदी,सुग्घर रचना💐💐
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार बहिनी
Deleteअब्ब़़ड सुग्घर सवैया दीदी
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार भाई
Deleteलाजवाब सुखी सवैया।हार्दिक बधाई।
ReplyDeleteसादर आभार नमन भैया जी
Deleteवाह वाह दीदी,सुघ्घर सुमुखी सवैया
ReplyDeleteसादर आभार भाई जितेंन्द्र
Deleteबहुत बढ़िया दीदी बधाई हो
ReplyDeleteसादर आभार भाई आसकरण
Deleteवाह वाह दीदी बहुत सुंदर बधाई हो
ReplyDeleteसादर आभार भाई राजेश
Deleteबहुत सुग्घर दीदी
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार भाई ज्ञानु
Deleteवाहहह वाहह दीदी लाजवाब हे पाँचो सुखी सवैया ह।
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार भाई सुखदेव
Deleteगजब दीदी जी।
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ReplyDeleteसमाज बर सुघ्घर चिंतन दीदी
ReplyDeleteशानदार लेखनी चले हे बहिनी...
ReplyDeleteअंतस ले बधाई
बहुत सुन्दर रचना दीदी जी
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना दीदी जी
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