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Friday, August 10, 2018

सरसी छन्द - श्री कन्हैया साहू "अमित"




शिवविवाह के बरतिया वर्णन - 

फागुन चउदस तिथि के बेरा, शिव के आज बरात।
सज संवर के सबो बराती, एक जघा सकलात।~1

बिकट बरतिया बिदबिद बाजँय, चाल चलय बेढ़ंग।
बिरबिट करिया भुरुवा सादा, कोनो हे छतरंग।।~2

कोनो उघरा उखरा उज्जट, उदबिदहा उतलंग।
उहँदा उरभट कुछु नइ घेपँय, उछला उपर उमंग।|~3

रोंठ पोठ सनपटवा पातर, कोनो चाकर लाम।
नकटा बुचुवा रटहा पकला, नेंग नेंगहा नाम।।|~4

खरभुसरा खसुआहा खरतर, खसर-खसर खजुवाय।
चिटहा चिथरा चिपरा छेछन, चुन्दी हा छरियाय।।~5

जबर जोजवा जकला जकहा, जघा-जघा जुरियाय।
जोग जोगनी जोगी जोंही,  बने बराती जाय।।~6

भुतहा भकला भँगी भँगेड़ी, भक्कम भइ भकवाय।
भसरभोंग भलभलहा भइगे, भदभिदहा भदराय।।~7

भकर भोकवा भिरहा भदहा, भूत-प्रेत भरमार।
भीम भकुर्रा भैरव भोला, भंडारी भरतार।।~8

मौज मगन मनमाने मानय, जँउहर उधम मचाय।
चिथँय कोकमँय हुदरँय हुरमत, तनातनी तनियाय।।~9

आसुतोस तैं औघड़दानी, अद्भूत तोर बिहाव।
अजर अमर अविनासी औघड़, अड़हा अमित हियाव।।~10

सरल सबल सत सुग्घर शिव हे, सकल सगुन संज्ञान।
किरपा करके कनहइया के, करहू अब कलियान।।~11

छन्दकार - श्री कन्हैया साहू "अमित"
शिक्षक~भाटापारा (छत्तीसगढ़)
संपर्क~9200252055

48 comments:

  1. ये रचना तो जबरदस्त हे अमित जी।बधाई।

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  2. छत्तीसगढ़ी बिहाव भड़ऊनी लय म बड़ मजा आही

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  3. जय भोलेनाथ
    बहुत बढ़िया रचना साहू जी
    मजा आ गे बधाई हो

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    1. माटी सर जी बहुत-बहुत धन्यवाद।

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  4. बहुत सुग्घर रचना कन्हैया भाई । बहुत बहुत बधाई हो ।

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  5. वाह वाह बहुत सुघ्घर

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  6. Replies
    1. बडका भइया बहुत-बहुत धन्यवाद।

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  7. अतभूत रचना अमित जी
    बारम्बार बधाई - - - - - - - -

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  8. अतभूत रचना अमित जी
    बारम्बार बधाई - - - - - - -

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  9. बहुत ही बढ़िया 👌👌

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  10. बड़ सुघ्घर ......

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  11. बहुत ही अच्छा वर्णन👍

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  12. बड़ सुग्घर वर्णन करे हव भैया। सादर बधाई अउ शुभकामना हे।

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  13. वाहःहः का बात है
    बहुते सुघ्घर शिव बरात के वर्णन

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  14. अलकरहा बरतिया हे गुरूजी जोरदार

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  15. जम्मो बरतिया अरन बरन हावय।

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    1. जोरदार बरतिया वर्णन बधाई भैया जी

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    2. हव हेम भाई...अलकर बरतिया हें।

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  16. वाह वाह शानदार सृजन।

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    1. बड़े भैयाजी, बहुत बहुत धन्यवाद आपके।

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  17. गुरुदेव के चरण वंदन जेखर आशीर्वाद ले ये सब संभव होवत हे।

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  18. भोले बाबा के बरात मा,भूत भूतनी आय।
    मैना रानी देखय शिव ला,मन ओखर घबराय।।
    बहुत सुघ्घर (अमित भाई)आपको बहुत बहुत बधाई

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    1. समर्थन बर बहुत बहुत धन्यवाद दीदी।

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  19. वाहहह बड़ सुन्दर रचना। बड़ सुन्दर भाव।

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  20. शिव बरात के सुग्घर वर्णन अमित भाई

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  21. बहुत जोरदार साहू जी

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  22. बहुत जोरदार साहू जी

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