शिवविवाह के बरतिया वर्णन -
फागुन चउदस तिथि के बेरा, शिव के आज बरात।
सज संवर के सबो बराती, एक जघा सकलात।~1
बिकट बरतिया बिदबिद बाजँय, चाल चलय बेढ़ंग।
बिरबिट करिया भुरुवा सादा, कोनो हे छतरंग।।~2
कोनो उघरा उखरा उज्जट, उदबिदहा उतलंग।
उहँदा उरभट कुछु नइ घेपँय, उछला उपर उमंग।|~3
रोंठ पोठ सनपटवा पातर, कोनो चाकर लाम।
नकटा बुचुवा रटहा पकला, नेंग नेंगहा नाम।।|~4
खरभुसरा खसुआहा खरतर, खसर-खसर खजुवाय।
चिटहा चिथरा चिपरा छेछन, चुन्दी हा छरियाय।।~5
जबर जोजवा जकला जकहा, जघा-जघा जुरियाय।
जोग जोगनी जोगी जोंही, बने बराती जाय।।~6
भुतहा भकला भँगी भँगेड़ी, भक्कम भइ भकवाय।
भसरभोंग भलभलहा भइगे, भदभिदहा भदराय।।~7
भकर भोकवा भिरहा भदहा, भूत-प्रेत भरमार।
भीम भकुर्रा भैरव भोला, भंडारी भरतार।।~8
मौज मगन मनमाने मानय, जँउहर उधम मचाय।
चिथँय कोकमँय हुदरँय हुरमत, तनातनी तनियाय।।~9
आसुतोस तैं औघड़दानी, अद्भूत तोर बिहाव।
अजर अमर अविनासी औघड़, अड़हा अमित हियाव।।~10
सरल सबल सत सुग्घर शिव हे, सकल सगुन संज्ञान।
किरपा करके कनहइया के, करहू अब कलियान।।~11
छन्दकार - श्री कन्हैया साहू "अमित"
शिक्षक~भाटापारा (छत्तीसगढ़)
संपर्क~9200252055
ये रचना तो जबरदस्त हे अमित जी।बधाई।
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Deleteछत्तीसगढ़ी बिहाव भड़ऊनी लय म बड़ मजा आही
ReplyDeleteसाहू जी ,आप सिरतों कहेव।
Deleteजय भोलेनाथ
ReplyDeleteबहुत बढ़िया रचना साहू जी
मजा आ गे बधाई हो
माटी सर जी बहुत-बहुत धन्यवाद।
Deleteबहुत सुग्घर रचना कन्हैया भाई । बहुत बहुत बधाई हो ।
ReplyDeleteवाह वाह बहुत सुघ्घर
ReplyDeleteसादर आभार आपका।
Deleteजबरदस्त अमित भाई
ReplyDeleteबडका भइया बहुत-बहुत धन्यवाद।
Deleteजबरदस्त अमित भाई
ReplyDeleteभैयाजी आत्मीय आभार।
Deleteअतभूत रचना अमित जी
ReplyDeleteबारम्बार बधाई - - - - - - - -
सर जी सादर आभार।
Deleteअतभूत रचना अमित जी
ReplyDeleteबारम्बार बधाई - - - - - - -
बहुत ही बढ़िया 👌👌
ReplyDeleteआपका आभार।
Deleteबड़ सुघ्घर ......
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद।
Deleteबहुत ही अच्छा वर्णन👍
ReplyDeleteआपका धन्यवाद।
Deleteबड़ सुग्घर वर्णन करे हव भैया। सादर बधाई अउ शुभकामना हे।
ReplyDeleteसर जी, आपके सादर आभार।
Deleteवाहःहः का बात है
ReplyDeleteबहुते सुघ्घर शिव बरात के वर्णन
बहुत बहुत आभार आपका।
Deleteअलकरहा बरतिया हे गुरूजी जोरदार
ReplyDeleteधन्यवाद युवराज जी।
Deleteजम्मो बरतिया अरन बरन हावय।
ReplyDeleteजोरदार बरतिया वर्णन बधाई भैया जी
Deleteहव हेम भाई...अलकर बरतिया हें।
Deleteसादर धन्यवाद भाई जी।
Deleteवाह वाह शानदार सृजन।
ReplyDeleteबड़े भैयाजी, बहुत बहुत धन्यवाद आपके।
Deleteआन्न्द आगे सर
ReplyDeleteज्ञानु भाई सादर आभार।
Deleteआन्न्द आगे सर
ReplyDeleteआपके नँगत अभार हे।
Deleteआपके आभार हे।
Deleteगुरुदेव के चरण वंदन जेखर आशीर्वाद ले ये सब संभव होवत हे।
ReplyDeleteभोले बाबा के बरात मा,भूत भूतनी आय।
ReplyDeleteमैना रानी देखय शिव ला,मन ओखर घबराय।।
बहुत सुघ्घर (अमित भाई)आपको बहुत बहुत बधाई
समर्थन बर बहुत बहुत धन्यवाद दीदी।
Deleteबहुत बढ़िया
ReplyDeleteजोगी जी धन्यवाद।
Deleteवाहहह बड़ सुन्दर रचना। बड़ सुन्दर भाव।
ReplyDeleteशिव बरात के सुग्घर वर्णन अमित भाई
ReplyDeleteबहुत जोरदार साहू जी
ReplyDeleteबहुत जोरदार साहू जी
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