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Friday, August 24, 2018

भुजंग प्रयात छंद - आशा देशमुख

कृष्णा -

बचाये हवे लाज जे दौपदी के।
उही हे जँचैया ग नेकी बदी के।

महायुद्ध में जेन गीता सुनाये।
सबो लोक मा ज्ञान गंगा बहाये।

अमीरी गरीबी दिए पाट खाई।
सुदामा सखा के निभाए मिताई।

धरा मा बढ़े हे जभे पाप भारी।
धरे हे तभे जन्म कृष्णा मुरारी।

भाव -

रिसाये हवे मोर तो लेखनी जी।
इँहा भाव आवै न एको कनी जी।
बिसे हा लुकाये गये कोन कोती।
चुपे चाप कॉपी नही शब्द मोती।  1

कहाँ मेर खोजौं कहाँ मेर जावौं।
रिसाये हवे भाव कैसे मनावौं।
लगे भावना के दिया हा बुतागे।
अँधेरा तरी मा जिया हा लुकागे। 2

गुरू मोर रोजे लुटाये खजाना।
सिखाये विधा छंद गावै तराना।
जिहाँ ज्ञान के रोज जोती जले हे।
तिहाँ एकता प्रेम मोती पले हे। 3

नवा सोच आवै पुराना मनावै।
इहाँ आज काली म जीना सिखावै।
लगे जिंदगी हा नवा रूप पावै।
दया प्रेम बैठे घृणा लोभ जावै।4

मया हे दया हे कहे एक नारा।
सबो ला गुरू छाँव लागै पियारा।
बड़े हे न छोटे सबो एक जैसे।
मिले मातु गोदी गुरू प्रेम वैसे। 5

जहाँ ज्ञान संस्कार दूनो पले हे।
उहाँ मान रिश्ता भरोसा मिले हे।
जिहाँ साधना छंद के हे पुजारी।
धरे प्रेम बंशी बजाए मुरारी। 6

देश के दुर्दशा -

बढ़े देश मा आज बेरोजगारी।
धरे घूमथे जान डिग्री ग धारी।
कहूँ मेर कोनो मिले काम बूता।
चले रोज देखौ घिसाये ग जूता। 1

सबो तो करे हे लिखाई पढ़ाई।
करे स्कूल कालेज भारी कमाई।
लगे आज विद्या ह व्यापार होगे।
छले और कोनो भले लोग भोगे। 2

बढ़े रोज देखौ ग चोरी चकारी।
बने आदमी हा बने हे भिखारी।
सबो भ्रष्ट हे आज नेता सिपाही।
दिखे बंद रस्ता कहाँ लोग जाही। 3

बड़े नाम वाले तिजोरी भरे हे।
कहूँ मेर हत्या डकैती करे हे।
धरे हे तराजू हवे न्याय अंधा।
चुपे साँच बैठे करे झूठ धंधा। 4

करे कोन उद्धार ये देश रोवै।
रखैया हवे मोर वो जान खोवै।
बता देश के कोन पीरा सुनैया।
जहाँ मेर देखौ वहाँ हे लुटैया। 5

छन्दकार - आशा देशमुख

23 comments:

  1. कोटिशः आभार गुरुदेव

    आपमन हमर छंद सृजन ला ये छंद खजाना मा स्थान देके रतन बनावत हव।
    सादर नमन गुरुदेव

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  2. बहुत बढ़िया भाव वाला भुजंग प्रयात छंद हे दीदी जी, बहुत बहुत बधाई आपको।

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  3. हवै आपके तो खजाना भराये।
    दिया ज्ञान के जी हमेशा जलाये।।
    बने भाव मन के उकेरे इहाँ हौ।
    गुरू के बिना सीख कोनो नि पाये।।
    गुरुदेव ल सादर प्रणाम करत
    बहिनी के सुंदर रचना बर उनला गंज
    अकन बधाई....पैलगी सहित

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  4. बहुत बहुत बधाई दीदी!सुघ्घर भुजंग प्रयात छंद।।

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  5. बहुत बहुत बधाई दीदी!सुघ्घर भुजंग प्रयात छंद।।

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  6. बहुत बहुत बधाई दीदी आपमन ला

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  7. बहुत शानदार रचना दीदी। सादर प्रणाम

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  8. बहुत शानदार रचना दीदी। सादर प्रणाम

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  9. वाहहह वाहह दीदी एक ले एक लाजवाब भुजंग प्रयात छंद।

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  10. शानदार सिरजन दीदी

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  11. आशा बहिनी जी के लाजवाब छंद सृजन।हार्दिक बधाई।

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  12. अनंत बधाई दीदी सादर नमन करत हौ आपमन लेखनी ला💐

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  13. आप सबो भाई बहिनी मन ला अंतस से आभार

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  14. Enter your comment... बहुत जोरदार रचना दीदी �� बधाई

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  15. लाजवाब छंद के सृजन करे हव दीदी। सादर बधाई।

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  16. सुघ्घर सिरजन दीदी

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  17. बहुत जोरदार दीदी

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  18. निच्चट सुग्घर रचना दीदी

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  19. निच्चट सुग्घर रचना दीदी

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