*//स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर//*
(28/09/1929 - 06/02/2022)
*आल्हा छंद जीवनी*
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स्वर साम्राज्ञी लता रहिन हे,भारत रत्न देश के शान।
कोकिल कंठी दुनिया जानै,इही इँखर हावै पहिचान।।
जनम धरिन इंदौर शहर मा,सरस्वती दाई आशीष।
उन्नईस उनतीस बछर मा,माह सितम्बर अट्ठाईस।।
रहिन लोकप्रिय लता गायिका,कउनो नइ पावयँ जी पार।
भाषा तीस अधिक ले गाइन,सुग्घर गीत पचास हजार।।
हेमा मंगेशकर रहिन हे,नान्हेंपन के इँखरे नाँव।
खेलिस कूदिस घर अँगना मा,दाई-बाबू सुग्घर छाँव।।
पंडित दीनानाथ ददा जी,रहिन बने ब्राम्हण परिवार।
कलाकार वो रंगमंच के,शास्त्री गायक बड़ दमदार।।
लता बड़े बेटी घर भर ले,हृदयनाथ जी भाई एक।
मीना मंगेशकर उषा अउ,बहिन भोसले आशा नेक।।
भले जनम इंदौर शहर मा,महाराष्ट्र जिनगी के धाम।
बनिन जीविका गीत राग हा,बने बनाइन अपन मुकाम।।
नान्हेंपन ले बनिन गायिका,सपना मन मा बने सजाय।
सबले पहिली फ़िल्म इँखर जी,"कीर्ती हसाल" बर वो गाय।।
उमर रहिन तेरह बच्छर के,इँखर ददा जी सरग सिधार।
बचगे पाँचों भाई बहिनी,जिनगी होगिन हे लाचार।।
पालन पोषन जिम्मेदारी,लता उठाइन जम्मों भार।
आजीविका गीत गायन बर,तभे लता होइन तइयार।।
पहुँचिन फ़िल्मी दुनिया मा वो,अभिनेत्री बनके सिरमौर।
तेरह बच्छर उमर रहिन हे,फिल्म बनाइन "मंगलागौर"।।
लता बाद मा फ़िल्म बनाइन,"चिमूकला" अउ "माझे बाल"।
"गजभाऊ","जीवन यात्रा" अउ,"माँद","बड़ी माँ" गीत कमाल।।
फ़िल्म "बड़ी माँ" नूरजहाँ सँग,अभिनय करिन लता दिल खोल।
छोटी बहिन भोसले आशा,इँखर गीत के सुग्घर बोल।।
फ़िल्म "छत्रपति शिवाजी" घलो,लता करिन हे सुग्घर काम।
उन्नईस चालीस दशक मा,बने कमाइन अपने नाम।।
इँखरे ले तो रोजी रोटी,चलत रहिन हे घर परिवार।
सदा कुँवारी रहिन लता हा,भाई-बहिनी देखनहार।।
सन् सैंतालीस शुरू करिन हे,लता पार्श्वगायन शुरुवात।
एक बसंत जोगलेकर ले,मुलाकात ले होइस बात।।
फ़िल्म "आपकी सेवा में" फिर,गाइन हे सुग्घर वो गीत।
फ़िल्म "महल" उनचास ईसवी,बने सफलता पाइन जीत।।
"आएगा आने वाला" ये,सुपर डुपर हिट गीत कहाय।
चमकिन इँखरे भाग सितारा, आशा, लता, उषा हरषाय।।
सन् उन्नईस सौ अस्सी ले,करिन स्टेज शो के बड़ काम।
आशा बहिन भोसले सँग मा,भाई हृदयनाथ शुभ नाम।।
इँदिरा कला विश्वविद्यालय,खैरागढ़ के पावन धाम।
पाइन डी.लिट.उपाधि मानद,छत्तीसगढ़ राज के नाम।।
पार्श्वगायिका रहिन लता जी,अउ संगीतकार पहिचान।
आनँद घन बैनर मा सुग्घर,फ़िल्म बनाइन पाइन मान।।
जब- जब गावय गीत लता जी,राहय सुग्घर नंगे पाँव।
सरस्वती के रहिन कृपा हा,लता पाय इँखरे सुख छाँव।।
पुरस्कार के नइ गिनती जी,अतका पाइन हे सम्मान।
सन् उनहत्तर अउ निन्यनबे,भूषण- पद्म विभूषण शान।।
दो हजार सन् एक बछर मा,नूरजहाँ के बड़ सम्मान।
महाराष्ट्र भूषण पाइन हे,भारत देश करिन गुणगान।।
दिन तिथि छै फरवरी माह के,दो हजार सन् बाइस छाँव।
अस्पताल ब्रिच केंडी बॉम्बे,कोरोना सँग हारिन दाँव।।
जबले सूरज चाँद चमकही,रही लता दीदी के नाम।
कोन भुलाही ये दुनिया मा,लता करिन बड़ सुग्घर काम।।
सबले जादा गीत सुनाइस,सरस्वती दाई अवतार।
वर्ल्ड रिकार्ड बनाइन सुग्घर,जानत सबो हवै संसार।।
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छंदकार:-
बोधन राम निषादराज"विनायक"
सहसपुर लोहारा,जिला-कबीरधाम(छ.ग.)
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