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Sunday, February 20, 2022

हेम के विधाता छन्द (किसान)*

 *हेम के विधाता छन्द (किसान)*


हरे अनमोल हीरा ओ, कमाथे जे किसानी ला।

नफा सूझे कहा भैया, इहाँ ओ अन्न दानी ला।।

कमाये पेर जाँगर ओ, सहे गा घाम पानी ला।

बहाये तन पसीना ओ, खपा देये जवानी ला।।


*-हेमलाल साहू*

छन्द साधक, सत्र -1

ग्राम-गिधवा, जिला बेमेतरा


संसोधित

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