*अमृतध्वनि छंद - तुलसी चौरा*
सुघ्घर अँगना द्वार औ,तुलसी चौरा भाय।
गोंदा फूल रवार के, मोला सुरता आय।।
मोला सुरता,आय गजब जी,अँगना घर के।
तुलसी चौरा,माथ नवावँव,बिनती कर के।।
लीपे पोते, चारों कोती, चुक ले उज्जर।
लहरावत वो,तुलसी मइया,लागय सुग्घर।।
//बोधन राम निषादराज//
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