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Tuesday, February 8, 2022

स्वर कोकिला भारत रत्न लता दीदी


 

स्वर कोकिला  भारत रत्न लता दीदी ला मोर भावांजलि🙏🙏🙏💐


शब्द समुन्दर मा खोजत हँव,  हमर लता दीदी बर नाम।

सब आखर मन चुप हें बइठे, हाथ जोड़ के करँय प्रणाम।।


अतिक बड़े ब्रम्हांड हवय पर , इंखर जैसे हावय कोन।

कोहिनूर के आघू मा तो, सकुचावत कस बइठे सोन।।


दोहा कहिथे मंय दू पद हँव, रोला कहे चार हे गोड़।

हार खाय कस कुण्डलिया हे ,बइठे मुड़ी पुछी ला मोड़।।


उपमा अभिधा अलंकार रस, नइहे इंखरो बस के बात।

सुर के रानी बर कुछ बोलय, हमर असन के का औकात।।


धन्य धन्य हें गीत ग़ज़ल मन, होगे अमर लता के संग।

अइसन सुर ला  शारद मैया, सुनके होवत होही दंग।।


कोन सृष्टि ले माटी लाइन , कोन झील ले लाइन नीर।

गढ़िन लता ला जब ईश्वर हा, धरके पीर धीर ,गम्भीर।।


रुखवा मा चंदन हे जइसे, देवन मा  जइसे श्री राम।

युग युग रहिही अमर लता जी, सकल जगत मा तोरे नाम।।


आशा देशमुख

कोरबा

3 comments:

  1. बहुत बहुत आभार भाई जितेंद्र
    छंद खजाना म रचना शामिल करे बर।

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  2. बहुत सुन्दर भावांजलि हे आशा जी लता मंगेशकर जी के लिए। बधाई हो।

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