*डॉ खूबचंद बघेल-छत्तीसगढ़ राज के प्रथम स्वप्नदृष्टा*
मनहरण घनाक्षरी
डॉ खूबचंद बघेल,दुख तकलीफ झेल,
भारत के आजादी मा,दिस योगदान जी।
नवा राज के सपना,पाले रिहिस मन मा,
प्रथम स्वप्नदृष्टा वो,रिहिन सुजान जी।।
छुआछूत भेदभाव,करत रिहिस घाव,
वोला मिटाये खातिर,बनिन चट्टान जी।
मजदूर औ किसान,शोषण मा दय जान,
उँखर सम्मान बर,देवै बने ध्यान जी।।
विजेन्द्र वर्मा
नगरगाँव(धरसीवाँ)
No comments:
Post a Comment