कुन्डलिया छन्द
*दाई बाबू*
*दाई बाबू के सबो,कर लव गा सम्मान।*
*देथें खुशी अपार जी,परगट ये भगवान।*
*परगट ये भगवान,करौ सब निस दिन सेवा।*
*इँखरे दे आशीष,समझ लव मिसरी मेवा।*
*पावव ममता छाँव,अपन जिनगी भर भाई।*
*करलव पूजा रोज,देवता बाबू दाई।।*
डी.पी.लहरे"मौज"
कवर्धा छत्तीसगढ़
No comments:
Post a Comment