चंद्रशेखर आजाद
गाँव भाभरा के माटी ला, माथा सबझन अपन नवाव
तीरथ कस ये पावन भुइयाँ, एखर महिमा ला सब गाव |
धन्य-धन्य दाई जगरानी, बेटा अइसन तैं हर पाय
जे ला छू नइ पाइन गोरा, जग मा वो आजाद कहाय |
चौंड़ा छाती देख वीर के, बैरी मन के लहू अटाय
जब गरजय तब काँपय पापी, सुनय फिरंगी रहय लुकाय |
उघरा देंह जनेव खान्ध मा, रौबदार मूछा कर्राय
देश अपन आजाद करे के, किरिया ओ अंतस मा खाय |
भारत माँ के दुःख दरद के, चिंता ओला
सदा सताय
नान्हेंपन मा सोंटा खा के, जय-जय भारतमाता गाय |
वीर भगत बिस्मिल के संगी, भारत माता के वो लाल
देशभक्त जननायक जब्बर, दुश्मन मन बर सउहत काल |
काकोरी बमकांड करिस हे, लाला के लेइस प्रतिकार
मुखबिर सात सैकड़ा मिल के, पा नइ पाइन येखर पार |
वीर भगत कइसे कर छूँटय, करत रहिस इकदिन जब बात
नाट नाव के कुकुर बाग मा, रहिस लगाए अपने घात |
छेंक शेर ला सबो फिरंगी, दल के दल बंदूक चलाय
एक अकेला हर बैरी बर, ताकत मा भारी पर जाय |
देख फिरंगी मन आजाद के, काल रूप ला बड़ थर्राय
कखरो माथा कखरो छाती, एक-एक कर छेदत जाय |
दूनो डाहर छूँटय गोली, दनदन दनदन दनदन धाँय
पत्ता-पत्ता रूख राई सब, शेखर के जय जय जय गाय |
लड़िस वीर सौ-सौ बैरी ले, लहू सनाये जम्मों अंग
देख लगय अभिमन्यु जइसे, लड़त हवय कौरव के संग |
जाव छोंड़ के संगी मोला,आंदोलन ये रूक
झन पाय
कहिस सुनव आजाद राज ले, भले प्राण ये मोर गँवाय |
काया लथपथ रहय लहू ले, गोली मन सब रहय बढ़ाय
एक आखिरी गोली ओ हर, रहय जेब मा अपन लुकाय
माटी ला मूठा धर के ओ, कहिस भारती माता मोर
कर पायेंव अतके भर सेवा, जावत हे बेटा अब तोर |
जब-जब जनम धरँव धरती मा, तोर मया के पाँवव छाँव
फेर इही धरती मा खेलव, फेर मिलय ये सुग्घर गाँव |
कहि पिस्तोल अपन माथा मा, गोली ओहर दिस चलाय
गिरिस देह धम ले भुइयाँ मा, मानो परबत हर गिर जाय |
नइ आवव मैं कभू हाथ मा, जीते जी जे किरिया खाय
शेखर बेटा लड़े शेर कस, किरिया तै सच कर देखलाय |
तोर शहीदी के रद्दा ले ,ये आजादी भारत पाय
त्याग संग बलिदान तोर ला, सकय नहीं कोनो बिसराय ||
सुनिल शर्मा नील
बेमेतरा(छत्तीसगढ़)
7828927284
8839740208
(सर्वाधिकार सुरक्षित)
बहुत सुन्दर रचना सर जी
ReplyDeleteबहुत धन्यवाद बड़े भैया श्री विनायक जी,,,वन्देमातरम
Deleteबहुत ही सुंदर छंद सृजन बड़े भैया
ReplyDeleteअनंत साधुवाद हरीश हर भाई,,,जयहिंद
Deleteवाह्ह वाह बहुत सुंदर आल्हा छंद प्रणम्य भइया जी बधाई 🙏🙏
ReplyDeleteअंतस ले साधुवाद मयारू मोहन भाई,,सुनिल शर्मा नील
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