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Sunday, February 27, 2022

चन्द्रशेखर आजाद (आल्हा छन्द)



 चंद्रशेखर आजाद


गाँव भाभरा के माटी ला, माथा सबझन अपन नवाव

तीरथ कस ये पावन भुइयाँ, एखर महिमा ला सब गाव |


धन्य-धन्य दाई जगरानी, बेटा अइसन तैं हर पाय

जे ला छू नइ पाइन गोरा, जग मा वो आजाद कहाय |


चौंड़ा छाती देख वीर के, बैरी मन के लहू अटाय

जब गरजय तब काँपय पापी, सुनय फिरंगी रहय लुकाय |


उघरा देंह जनेव खान्ध मा, रौबदार मूछा कर्राय

देश अपन आजाद करे के, किरिया ओ अंतस मा खाय |


भारत माँ के दुःख दरद के, चिंता ओला

सदा सताय

नान्हेंपन मा सोंटा खा के, जय-जय भारतमाता गाय |


वीर भगत बिस्मिल के संगी, भारत माता के वो लाल

देशभक्त जननायक जब्बर, दुश्मन मन बर सउहत काल |


काकोरी बमकांड करिस हे, लाला के लेइस प्रतिकार 

मुखबिर सात सैकड़ा मिल के, पा नइ पाइन येखर पार |


वीर भगत कइसे कर छूँटय, करत रहिस इकदिन जब बात

नाट नाव के कुकुर बाग मा, रहिस लगाए अपने घात |


छेंक शेर ला सबो फिरंगी, दल के दल बंदूक  चलाय 

एक अकेला हर बैरी बर, ताकत मा भारी पर जाय |


देख फिरंगी मन आजाद के, काल रूप ला बड़ थर्राय

कखरो माथा कखरो छाती, एक-एक कर छेदत जाय |


दूनो डाहर छूँटय गोली, दनदन दनदन दनदन धाँय 

पत्ता-पत्ता रूख राई सब, शेखर के जय जय जय गाय |


लड़िस वीर सौ-सौ बैरी ले, लहू सनाये जम्मों अंग

देख लगय अभिमन्यु जइसे, लड़त हवय कौरव के संग |


जाव छोंड़ के संगी मोला,आंदोलन ये रूक

झन पाय

कहिस सुनव आजाद राज ले, भले प्राण ये मोर गँवाय |


काया लथपथ रहय लहू ले, गोली मन सब रहय बढ़ाय

एक आखिरी गोली ओ हर, रहय जेब मा अपन लुकाय


माटी ला मूठा धर के ओ, कहिस भारती माता मोर

कर पायेंव अतके भर सेवा, जावत हे बेटा अब तोर |


जब-जब जनम धरँव धरती मा, तोर मया के पाँवव छाँव

फेर इही धरती मा खेलव, फेर मिलय ये सुग्घर गाँव |


कहि पिस्तोल अपन माथा मा, गोली ओहर दिस चलाय

गिरिस देह धम ले भुइयाँ मा, मानो परबत हर गिर जाय |


नइ आवव मैं कभू हाथ मा, जीते जी जे किरिया खाय

शेखर बेटा लड़े शेर कस, किरिया तै सच कर देखलाय |


तोर शहीदी के रद्दा ले ,ये आजादी भारत पाय

त्याग संग बलिदान तोर ला, सकय नहीं कोनो बिसराय ||


सुनिल शर्मा नील

बेमेतरा(छत्तीसगढ़)

7828927284

8839740208

(सर्वाधिकार सुरक्षित)

6 comments:

  1. बहुत सुन्दर रचना सर जी

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    1. बहुत धन्यवाद बड़े भैया श्री विनायक जी,,,वन्देमातरम

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  2. बहुत ही सुंदर छंद सृजन बड़े भैया

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    1. अनंत साधुवाद हरीश हर भाई,,,जयहिंद

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  3. वाह्ह वाह बहुत सुंदर आल्हा छंद प्रणम्य भइया जी बधाई 🙏🙏

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  4. अंतस ले साधुवाद मयारू मोहन भाई,,सुनिल शर्मा नील

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