लता दीदी जी ला भावाञ्जली-कुंडलियाँ छंद
सुर के देवी ला नमन, करौं रोज कर जोर।
अमरित घूँट पियाय हे, शब्द शब्द मा घोर।
शब्द शब्द मा घोर, पियाहे अमरित पानी।
दीदी जी के गीत, गढ़े हे अमर कहानी।
करही जुगजुग राज, गीत रगरग मा घुर के।
ये जग मा कहिलाय, लता जी देवी सुर के।
आथे जग मा जौन हा, जाथे तज पर धाम।
पर कतको झन काम ले, छोड़ जथे शुभ नाम।
छोड़ जथे शुभ नाम, जगत मा सबदिन सब बर।
कोई पाय न भूल, काम हा होथे जब्बर।
सबके दिल मा राज, करे वो पद पा जाथे।
अइसन मनके लोग, सबे दिन महिमा गाथे।
जीतेन्द्र वर्मा"खैरझिटिया"
बाल्को, कोरबा(छग)
No comments:
Post a Comment