Followers

Wednesday, June 15, 2022

दोहा-सन्त कबीर साहेब ला समर्पित

दोहा-सन्त कबीर साहेब ला समर्पित


1. सत्य लोक ले अँवतरे, सद्गुरु संत कबीर |

   काशी के तालाब में, आके हरलिस पीर ||


2. जेठ माह के पूर्णिमा,प्रगटे दास कबीर |

   नीरू-नीमा के घलो, खुलगे जी तकदीर ||


3. कमल फूल मा शिशु बने, संत धरिस अँवतार |

  आय लहरतारा मिलय, पावन गंगा धार ||


4. स्वामी रामानंद जी, गुरु बन बाँटे ज्ञान |

   दोहा अउ साखी-शबद, लिखय रमैनी गान ||


5.निर्गुण ला करके नमन, भुलिस अंधविश्वास |

आडम्बर सब त्याग के, गुरु मा बाँधिस आस |


6. पंचमेल खिचड़ी रहय, भाखा सरल समान |

   मध्यकाल के कवि बने, जग मा भए महान ||


7.जिनगी के अंतिम समय,मगहर बसय सुजान |

सदगुरु अँवतारी पुरुष, त्यागय अपन परान ||


दिलीप टिकरिहा "छत्तीसगढ़िया"

पिरदा (भिंभौरी),बेरला-बेमेतरा

No comments:

Post a Comment