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Thursday, June 16, 2022

आधार छंद_____ " *चौपाई गीत* "

 

आधार छंद_____ " *चौपाई गीत* "


ले ले तयँ हा जनम दुबारा| परम पुरुष हे जगत दुलारा|| 

कहाँ हवस तयँ मोर कबीरा| आके हर ले जग के पीरा ||१


१.

मनखे पापी होवत हें | सत्य धरम ला सब खोवत हें||

पनपत दुर्योधन दुशासन| डोलत हवय धरम के आसन|| 

बढ़त हवय अधरम के पारा| मिटत हवय जी भाईचारा ||

ले ले तयँ हा जनम दुबारा| परम पुरुष हे जगत दुलारा||,,,,,,,,


२.

संसारी मन भटकत हावयँ | सच के रद्दा कोन बतावयँ|| 

कोन बतावयँ  बीजक बानी|कतको गुरु करत बईमानी || 

बदलत कलियुग जीवनधारा| कोन बनय गुरु खेवनहारा|| 

ले ले तयँ हा जनम दुबारा| परम पुरुष हे जगत दुलारा||,,,,,,,,


३.

जीवन के ठाठ अमीरी मा| नइ हें जी भगत फकीरी मा ||

मइला होगे मन के दरपन| कइसे होही गुरु के दरसन ||

परगे माया जीव बिचारा| कोन लगाही भव पारा||  

ले ले तयँ हा जनम दुबारा| परम पुरुष हे जगत दुलारा||,,,,,,,,


 ४.

सत्यनाम के ढोल बजादे| सोये मनखे आज जगादे||

कालपुरुष के फंदा भारी| जीव परे हे नरक दुवारी||

हे कबीर सुन हमर पुकारा| बन जा तयँ  फेर कड़ीहारा ||

ले ले तयँ हा जनम दुबारा| परम पुरुष हे जगत दुलारा||,,,,,,,,


पद्मा साहू "पर्वणी" खैरागढ़

जिला _ खैरागढ़-छुईखदान-गंडई छत्तीसगढ़ राज्य

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