1/
पानी हे अनमोल,जान सब ला चेताना।
बूँद बूँद के मोल,समझ के बउरत जाना।।
अपन भरोसा भार, जगत ला उही जियाथे ।
पेड़ फूल अउ जीव,सरस रसधार पियाथे।।
पीके अमृत धार ला, दिखथे सब सुघ्घर खिले।
फोकट के बोहाव झन,पानी जब सिद्धो मिले।।
2/
पानी के का मोल,बतावत तड़पत मछरी।
पानी बाहिर होत,जेन मर जावत पचरी।।
प्यास बताथे मोल,काय पानी के हावय ।
कतको दिन बिन खाय,भले मनखे रहि जावय।
दू दिन मा पानी बिगन,सबके सब अइला जथे।
कतको सुघ्घर रूप हो,पानी बिन मइला जथे।।
3/
मनखे पानीदार,सबो ला गजब सुहावय।
पानी मरे जनाय,कहूँ ओला नइ भावय।।
पानी-पानी होय,लजाके कोई-कोई।
पानी के गुनगान,करे आखर कम गोई।।
पानी पी पी के कहूँ,हाथ लमाय बखानथे।
कोनो पानी काकरो,अउ उतार के मानथे ।।
4/
खा पी सबो सुजान,रात-दिन झिल्ली फेंके।
हे उछींद के राज,नहीं कोनो हर छेंके।।
अलहन होही ठाढ़, तेन दिन देखे जाही।
करहीं मनखे आज,जेन हर मन ला भाही।।
भुँइया बंजर होन दे, रोवत तेला रोन दे ।
जेन सुते सपनान दे,जागत ला चिचियान दे।।
5/
झिल्ली जहर समान,हवय सब ला जनवाबो।
झोला धरे बजार,आज ले जम्मो जाबो।।
झिल्ली बरथे तेन,घोरथे जहर बयारी ।
चारो खुंँट नइ फेंक,बतावत हँव संगवारी।।
अपन जान समझात हँव,सावचेत करवात हँव।
माने बर हे मान लो,नहीं तो खतरा जान लो ।।
6/
बेचइया के दोस,कभू नइ झोला माँगय ।
लेवइया के दोस,खाँध ओला नइ टाँगय।।
अंँधरा हे सरकार,देख नइ रोक लगावय।
भैरा हवय समाज,जगइया कतिक जगावय।।
लेवत तेला लेन दे,देवत तेला देन दे ।
समझाना बेकार हे, सब्बो झन हुसियार हें ।।
7/
सास बहू बिसराय,सबो झगरा अब घर के।
अपने मा बइहाय,हवँय मोबाइल धरके।।
सास न रँधनी जाय,कभू अब झाँके ताके।
चारी करे भुलाय,हवय एन्ड्राइड पाके।।
मगन बाप बेटा हवँय,डाटा खँगन न देत हे।
बने फेसबुक फ्रेन्ड अब,दूनो लाहो लेत हे।।
8/
ऊर्जा के उपयोग, करे बर सब झन जानो।
सबमें हवय समाय,तेन ऊर्जा पहिचानो।।
आगी पानी सूर्य,हवा मा ऊर्जा हावय।
जानय जे उपयोग,उही हर जान जनावय।।
ऊर्जा बउरे जानथे,ते सब बर सुख लानथे।।
ओकर गुन पहिचान ले,अउ बउरे बर ठान ले।।
शोभामोहन श्रीवास्तव
रायपुर अमलेश्वर छत्तीसगढ़
बहुतेच बढ़िया छप्पय छंद,,
ReplyDeleteबहुत सुग्घर छप्पय छंद हे बहन जी, बहुत बधाई
ReplyDeleteबहुतेच सुघ्घर छप्पय छंद ये शोभा जी बहुत बहुत बधाई।
ReplyDeleteबहुत बढ़िया रचना
ReplyDeleteबधाई हो
माटी
बहुत ही बढ़िया छप्पय छंद हे बहिनी
ReplyDeleteबहुतेच सुघ्घर छप्पय छंद ये शोभा जी बहुत बहुत बधाई।
ReplyDeleteबहुत सुग्घर संदेश दे हव शोभा बहिनी
ReplyDeleteसुग्घर ।हार्दिक बधाई ।
ReplyDeleteसुग्घर छप्पय।हार्दिक शुभकामनाएं
ReplyDelete