कुण्डलिया छन्द - श्री हेमलाल साहू
जनमन के जे कवि रहिस, जनकवि कोदूराम।
पीर लिखय जन के सदा, नेक करय जे काम।
नेक करय जे काम, रहय जी गाँधी वादी।
पहिरय धोती संग, जेन हा कुरता खादी।।
सिरजाइस हे छंद, लगाके बढ़िया तन मन।
भाखा बाढ़िस मान, पढ़िस हावे जब जनमन।।
छन्दकार - श्री हेमलाल साहू
ग्राम गिधवा, पोस्ट नगधा
तहसील नवागढ़, जिला बेमेतरा
छत्तीसगढ़
बहुत सुग्घर..... सादर नमन
ReplyDeleteसुग्घर छंद भैया जी
ReplyDeleteबहुत सुग्घर सर
ReplyDeleteबहुत बढ़िया हेम सर....सादर नमन श्रद्धेय दलित जी ला
ReplyDeleteबहुत बढ़िया ।हार्दिक बधाई अउ हमर पुरखा कवि ला सादर नमन।
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