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Sunday, January 2, 2022

हेम के बरवै छंद*

 *हेम के बरवै छंद*


आगे नवा बछर के, पहली भोर।

हैप्पी न्यू ईयर हे, सबला मोर।।


अंग्रेजी कैलेंडर, जग भर छाय।

कोनो नइहे संगी, अब पिछ्वाय।।


नवा बछर मा सबले, रिश्ता जोड़।

बैर भाव अउ झगरा, सबला छोड़।।


सादा जिनगी रखबे, उच्च विचार।

सुम्मत के सुग्घर जग, बगरय नार।।


नवा बछर मा संगी, बनव निरोग।

अच्छा स्वास्थ्य रइही, करलव योग।।


बीड़ी तम्बाकू अउ, मदिरा पान।

बीमारी ला पनपा, लेथे जान।।


नवा बछर मा गुरतुर, बोली बोल।

दया मया के सुग्घर, बानी घोल।।


मन आपा झन खोवय, बाँधव पार।

जिनगी के सब विपदा, देवय टार।।


आही नवा बछर के, नव अंजोर।

आसा हावय सुग्घर, मन मा मोर।।


फेर भाग्य हर खुलही, सुग्घर तोर।

जी जान लगाके तँय, जांगर टोर।।


-हेमलाल साहू

छंद साधक सत्र- 1

ग्राम गिधवा, जिला बेमेतरा

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