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Saturday, January 8, 2022

रूपमाला छंंद* *राख माटी मान*

 *रूपमाला छंंद*

*राख माटी मान*

आन के झंडा उठा झन, छोड़ पर गुनगान।

जोर के संगी सखा ला , राख माटी मान।।

लूट जावत धन इँहा के, अब बचा के राख।

राज लाके काज खुद कर, तँय बना ले साख।। 


देव-धामी छोड़ पर के, तोर पुरखा मान।

तोर संस्कृति ला बचा ले, हे इही हर शान।।

तँय कसम खा युग नवा बर, आज पागा बाँध।

बाचही संस्कृति तभे जब, जोर लेबे खाँध।।

*अनुज छत्तीसगढ़िया*

 *पाली जिला कोरबा*

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