Followers

Saturday, January 29, 2022

हरिगीतिका छंद*

 *हरिगीतिका छंद* 


सेवा करे बर देश के, जे तान सीना हे खड़े।

तन मा तिरंगा ओढ़ के, वो रोज दुश्मन ले लड़े।

जे देश सेवा ला धरम, अपने सदा जी मानथे।

हे प्रान अरपन देश बर, बस बात अतके जानथे।


नइ आॅंच कोनो आन दय, सुन तोर अॅंचरा दाग वो।

अइसन रतन बेटा हवै, शुभ तोर दाई भाग वो।

चंदन लहू ले कर अपन, होथे अमर बलिदान वो।

हे भागमानी वीर जे, देथे चरन मा प्रान वो।


तीरथ सुघर ओ गॉंव घर, जन्मे जिहॉं ये जान के।

मंदिर सही पबरित बड़े, शुभ घर अमर बलिदान के।

रख भावना सहोग के, सम्मान दव परिवार ला।

दाई ददा पत्नी सबो, बर रख सुघर व्यवहार ला।


सैनिक शहीदी के करव, अउ झन कभू अपमान तुम।

भगवान जस परिवार ये, नित राख लौ अब ध्यान तुम।

सुख चैन हमला देय बर, वो सौप देहे प्रान जी।

पानी बरफ मा हे खड़े, दिन रात सीना तान जी।


मनोज कुमार वर्मा

बरदा लवन बलौदा बाजार

No comments:

Post a Comment