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Sunday, January 2, 2022

नवा बछर*


*नवा बछर*


लावणी छंद


साल लगावत रहिथे भैया, बारह महिना के फेरा।

साँझ रात दिन के पहरा हे, सुख दुख के हावय घेरा।। 1


कभू शीत हे कभू घाम हे, नाम धरे गरमी जाड़ा।

कभू बहय सुघ्घर पुरवैया, कभू काँपथे गा हाड़ा।।2


नवा साल के स्वागत करथें, मिलके जम्मों नर नारी।

सुख के बोरा भरही कहिके, आस लगाथें सब भारी।।3


जन जन ला जनवरी देत हे, आशीष मया बधाई जी।

सरकारी सब काम काज मा, येखर मान बड़ाई जी।।4


धरम सनातन चैत रचे हे, बारँय सब दीया बाती।

राम चन्द्र अवतार लिए हे, अउ माता शुभ के दाती।।5


आशा देशमुख

एनटीपीसी जमनीपाली कोरबा

1 comment:

  1. बहुत बहुत आभार भाई जितेंद्र
    छंद खजाना में रचना शामिल करें खातिर

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