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Saturday, January 29, 2022

जय सुभाष* (घनाक्षरी)

 *जय सुभाष*

(घनाक्षरी)


भारती के पीरा देख, चाकरी गोरा के फेंक, किरिया कठिन ठाने, नेताजी सुभाष तैं।

 जय हिंद नारा देके, देश रक्षा प्रण लेके, हार कभू नइ माने, नेताजी सुभाष तैं।

 देशहित खून माँगे ,युद्ध छोड़ नइ भागे, फौज घलो बना लाने, नेताजी सुभाष  तैं।

चारों खूँट घूम घूम, माटी धुर्रा चूम चूम,  दीन दुखी देव जाने, नेताजी सुभाष तैं।


तोर कथा बड़ सार, छोड़ दिए घर द्वार, क्रांति के उठा मशाल, मूँड़ बोहे भार ला।

  अँगरेज अत्याचारी, दुख ला देइन भारी, लड़े डँट हर हाल, जोड़े वीर चार ला ।

 जेल जाके दुख सहे , कभू उफ नइ कहे, जानकी प्रभा के लाल, सुनले पुकार ला।

  नमन हावय वीर, 'बादल 'तैं धर धीर, नेताजी सुभाष तोर, याद हे संसार ला।


चोवा राम वर्मा 'बादल'

हथबंद, छत्तीसगढ़

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