*गीतिका छंद - वीर जवान*
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वीर भारत देश के तँय, तोर तन कुरबान हे।
लाल तँय हा गाँव के हस, गाँव मा ए जान हे।।
आज रक्षा भार तोरे, तँय बचाले देश ला।
आय घूमत देख बइरी, वो बनाये भेष ला।।
छोड़ तँय भुइयाँ चले हस, सौंप के जी मान ला।
देश खातिर तँय गँवाथस, आज ए तन प्रान ला।।
घर बिराना तोर होथे, लोग लइका साथ मा।
माँ घलो ला दुःख होथे, दुःख नारी हाथ मा।।
जीत ले तँय देश दुनिया, आज ताकत तोर हे।
कोन हिम्म्मत ला दिखाही, हाथ कतका जोर हे।।
हाथ ला तँय टोर देबे, जौन बइरी तानही।
चीर हिरदय ला दिखाबे,बात कोनो मानही।।
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बोधन राम निषादराज"विनायक"
सहसपुर लोहारा,जिला-कबीरधाम(छ.ग.)
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