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Saturday, July 14, 2018

सरसी छन्द - - श्री जीतेन्द्र वर्मा"खैरझिटिया"

रथ यात्रा(सरसी छंद आधारित गीत)

अरज दूज मा जगन्नाथ के,जय जय गूँजे नाम।
संग   सुभद्रा  बहिनी  बइठे,बइठे  हे  बलराम।

चमचम चमचम रथ हा चमके,ढम ढम बाजय ढोल।
जुरे  हवै  भगतन  बड़  भारी,नाम  जपे  जय  बोल।
झूल झूल के रथ सब खीँचय,करे कृपा भगवान।
गजा - मूंग  के  हे  परसादी,बँटत  हवे  पकवान।
नाचत  गावत  मगन सबे हे, रथ के डोरी थाम।
अरज दूज मा जगन्नाथ के,जय जय गूँजे नाम।

दूज अँसड़हूँ पाख अँजोरी,तीनों होय सवार।
भगतन मन ला दर्शन देवै,बाँटय मया दुलार।
सुख अउ दुख के आरो लेके,सबके आस पुराय।
भगतन मनके दुःख हरे बर,अरज दूज मा आय।
तीनों भाई  बहिनी लागय,सुख के सुघ्घर धाम।
अरज दूज मा जगन्नाथ के,जय जय गूँजे नाम।

रचनाकार - श्री जीतेन्द्र वर्मा"खैरझिटिया"
बॉलको(कोरबा)

14 comments:

  1. बहुत बढ़िया भगवान जगन्नाथ जी के ऊपर सरसी छंद सिरजाये हव जितेंद्र भाई,बधाई।।

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  2. जय जगन्नाथ सर जी सुग्घर सिरजन

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  3. वाहःहः बहुत सुघ्घर गीत
    बहुत बहुत बधाई हो भाई

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  4. वाह वाह वाह का बात हे वर्मा सर

    प्रेरनाप्रद रचना के खातिर बहुत बहुत बधाई - - - -

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  5. वाहहहह वाहह खैरझिटिया जी बहुतेच सुग्घर सरसी छंद गीत।

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  6. जितेंद्र भाई जी के सारगर्भित छन्द बद्ध रचना।हार्दिक बधाई।

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  7. बहुत सुंदर रचना सर

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  8. बहुत सुंदर रचना सर

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  9. परम् पूज्य गुरुदेव सँग आप स्बो ल सादर नमन

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  10. जोरदार सरसी छंद.. वाहहह गुरुजी..।

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  11. वाहह्ह् सुग्घर रथ यात्रा के वर्णन भैया जी

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  12. वाहह्ह् सुग्घर रथ यात्रा के वर्णन भैया जी

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  13. चमचम चमचम रथ हा चमके,ढम ढम बाजय ढोल।
    जुरे हवै भगतन बड़ भारी,नाम जपे जय बोल।
    झूल झूल के रथ सब खीँचय,करे कृपा भगवान।
    गजा - मूंग के हे परसादी,बँटत हवे पकवान।
    नाचत गावत मगन सबे हे, रथ के डोरी थाम।
    अरज दूज मा जगन्नाथ के,जय जय गूँजे नाम।

    वाह वाह क्या बात है सर जी

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