पाप नाचे काल बनके, ठाड़ छानी आज
चोर मनके राज आगे, बेंच डारे लाज
सत लुकागे झूठ छागे, मार माते रार
तोर काहे मोर काहे, बाँट खेती खार ।।1 ।।
बाप होगे बेसहारा, रोय माथा पीट
काम बेटा आन करथे, होय जादा ढीठ
रोय दाई सोंच भारी, होय का भगवान
आग लागे हे बिधाता, चेत होगे आन ।।2 ।।
रोज होवय मार झगरा, देख रोय सियान
आन होगे हे जमाना, नीति होगे आन
झूठ बानी सच कहाये, साव होगे चोर
रोय नारी बिपत भारी, मान बाँचे मोर ।।3 ।।
मान बरजे चेत करले, छोट बड़खा जान
कर भलाई जस कमाले, मिलय भारी मान
तोर जिनगी चार दिन के, साँस के का आश
मन रमाले राम गाले, कुमत होही नाश ।।4 ।।
रचनाकार - श्री पुरूषोत्तम ठेठवार
ग्राम -भेलवाँटिकरा
जिला -रायगढ (छत्तीसगढ़)
चोर मनके राज आगे, बेंच डारे लाज
सत लुकागे झूठ छागे, मार माते रार
तोर काहे मोर काहे, बाँट खेती खार ।।1 ।।
बाप होगे बेसहारा, रोय माथा पीट
काम बेटा आन करथे, होय जादा ढीठ
रोय दाई सोंच भारी, होय का भगवान
आग लागे हे बिधाता, चेत होगे आन ।।2 ।।
रोज होवय मार झगरा, देख रोय सियान
आन होगे हे जमाना, नीति होगे आन
झूठ बानी सच कहाये, साव होगे चोर
रोय नारी बिपत भारी, मान बाँचे मोर ।।3 ।।
मान बरजे चेत करले, छोट बड़खा जान
कर भलाई जस कमाले, मिलय भारी मान
तोर जिनगी चार दिन के, साँस के का आश
मन रमाले राम गाले, कुमत होही नाश ।।4 ।।
रचनाकार - श्री पुरूषोत्तम ठेठवार
ग्राम -भेलवाँटिकरा
जिला -रायगढ (छत्तीसगढ़)
बहुत सुघ्घर रूपमाला छंद,,बधाई
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचना सर
ReplyDeleteवाह! सुग्घर रूपमाला छंद
ReplyDeleteवाह्ह वाह ठेठवार भइया अब्बड़ सुग्घर रूपमाला छंद बधाई हो भइया
ReplyDeleteबहुत बढ़िया ठेठवार जी
ReplyDeleteबहुत बढ़िया ठेठवार भाई
ReplyDeleteसुग्घर रूपमाला छंद सर जी,बधाई आपमन ला💐💐👍
ReplyDeleteआज क हाल के दर्शन करावत गजब के रूपमाला छंद भाई....तहे दिल से बधाई आपला...
ReplyDeleteसुग्घर रूपमाला छन्द।
ReplyDeleteवाहहह गजब सुघर रूपमाला छंद।
ReplyDeleteवाह भइया जी सुघ्घर रूपमाला छंद बधाई हो
ReplyDeleteसुघ्घर रूपमाला भइया जी। वाह!
ReplyDeleteसुघ्घर रूपमाला भइया जी। वाह!
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