*सफाई*
कूड़ा कचरा काहे राखौ,साफ रखव घर द्वार।
बीमारी झन हो कोनो ला,स्वस्थ रहे परिवार।।
कूड़ादान म कचरा डालँव,झन रख रद्दा तीर।
नइ होवय हैजा मलेरिया,रहिथे स्वस्थ शरीर।।
गरवा कोठा दुरिहाँ राखौ,नहलाना नित जान।
सुग्घर जम्मो दवई छिड़कौ,पशु के देवव ध्यान।।
शौचालय ला दुरिहा राखौ,बीमारी नइ आय।
दवा छिड़क ले समय-समय मा,सबला ये समझाय।।
खेत खार मा शौच करव झन,बड़ बीमारी होय।
बीमारी हा घुस जाथे जी,दमा होय मा रोय।।
गंदा पानी झन पीयव जी,आंत करे नुकसान।
बीमारी हा कतक पेट के ,रहिथन हम अनजान।।
जूठा बरतन तुरते माँजौ,खाये जेमा भात।
सुग्घर तन-मन रोज राखके,स्वस्थ रहव दिन रात।।
रचनाकार-श्रीमति आशा आजाद
पता-एसइसीएल मानिकपुर कोरबा (छ.ग.)
कूड़ा कचरा काहे राखौ,साफ रखव घर द्वार।
बीमारी झन हो कोनो ला,स्वस्थ रहे परिवार।।
कूड़ादान म कचरा डालँव,झन रख रद्दा तीर।
नइ होवय हैजा मलेरिया,रहिथे स्वस्थ शरीर।।
गरवा कोठा दुरिहाँ राखौ,नहलाना नित जान।
सुग्घर जम्मो दवई छिड़कौ,पशु के देवव ध्यान।।
शौचालय ला दुरिहा राखौ,बीमारी नइ आय।
दवा छिड़क ले समय-समय मा,सबला ये समझाय।।
खेत खार मा शौच करव झन,बड़ बीमारी होय।
बीमारी हा घुस जाथे जी,दमा होय मा रोय।।
गंदा पानी झन पीयव जी,आंत करे नुकसान।
बीमारी हा कतक पेट के ,रहिथन हम अनजान।।
जूठा बरतन तुरते माँजौ,खाये जेमा भात।
सुग्घर तन-मन रोज राखके,स्वस्थ रहव दिन रात।।
रचनाकार-श्रीमति आशा आजाद
पता-एसइसीएल मानिकपुर कोरबा (छ.ग.)
वाह वाह! बहुत सुघ्घर संदेश, सुघ्घर रचना बहिनी।
ReplyDeleteकूड़ा दान म कचरा डालव,झन रख रद्दा तीर।
ReplyDeleteबड़ बीमारी होय।
धन्यवाद गुरुजी
Deleteसाफ सफाई बर संदेसा, देवत सुग्घर छंद।
ReplyDeleteथुकइ सड़क माँ गुटका खा खा, होना चाही बंद।
बहुत सुंदर छंद बहिनी के...
सादर बधाई उनला
धन्यवाद आदरणीय
Deleteबहुत बढ़िया ..सरसी छंद बधाई हो
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचना दीदी
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचना दीदी
ReplyDeleteबहुत सुघ्घर सरसी छंद बधाई हो
ReplyDeleteधन्यवाद सर जी
Delete