बेटी बेटा ला दव मान -
बेटी बेटा हावय , एक समान ।
करही मिलके सेवा , तँय हर जान ।1।
अधिकार बरोबर दे, होहय नाम ।
संग रही जीयत ले , आहय काम ।2।
बेटी जस बगराही , जगमा तोर ।
बेटी बनके लछमी , करही शोर ।3।
बेटी बिन सुन्ना हे , ये संसार ।
बेटी बेटा जिनगी , के आधार ।4।
भेदभाव झन करबे , तैंहर आज ।
बेटा बनके बेटी , करही राज ।5।
रचनाकार - श्री मोहन कुमार निषाद
पता - लमती भाटापारा छत्तीसगढ़
बेटी बेटा हावय , एक समान ।
करही मिलके सेवा , तँय हर जान ।1।
अधिकार बरोबर दे, होहय नाम ।
संग रही जीयत ले , आहय काम ।2।
बेटी जस बगराही , जगमा तोर ।
बेटी बनके लछमी , करही शोर ।3।
बेटी बिन सुन्ना हे , ये संसार ।
बेटी बेटा जिनगी , के आधार ।4।
भेदभाव झन करबे , तैंहर आज ।
बेटा बनके बेटी , करही राज ।5।
रचनाकार - श्री मोहन कुमार निषाद
पता - लमती भाटापारा छत्तीसगढ़
बहुतेच सुग्घर बरवै छंद मोहन भाई
ReplyDeleteसादर आभार धन्यवाद भइया
Deleteसुग्घर।
ReplyDeleteसादर हिरदय ले आभार बादल भइया
Deleteबढ़िया मोहन भैया
ReplyDeleteबहुत बढ़िया है भाई
ReplyDeleteबहुत बढ़िया रचना
ReplyDeleteगाड़ा गाड़ा बधाई हो निषाद जी
बहुत बहुत बधाई मोहन भाई
ReplyDeleteबहुत सुघ्घर संदेश भइया जी।
ReplyDeleteलाजवाब भाईजी
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