विष्णु पद छंद - बोधन राम निषादराज
(माटी के चोला)
ये काया माटी के चोला, धरम करम कर ले।
भव सागर ला पार करे बर,पुण्य धजा धर ले।।1।।
मया मोह ला छोड़ चलौ जी,राम नाम जप लौ।
जिनगी ला पबरित कर लेवव,सत्य आँच तप लौ।।2।।
सुग्घर जिनगी के सपना ला,मन मा आज धरौ।
राम नाम के सुमिरन करके,अपने काज करौ।।3।।
बड़े भाग मानुष तन भइया,सुफल करौ तन ले।
हरि मा ध्यान लगालौ संगी,गाव भजन मन ले।।4।।
हे मूरख इंसान समझ ले,तोर काय जग मा।
जादा झन रे तँय इतराना,काय पाय जग मा।।5।।
छंदकार - बोधन राम निषादराज"विनायक"
सहसपुर लोहारा
जिला - कबीरधाम(छत्तीसगढ़)
(माटी के चोला)
ये काया माटी के चोला, धरम करम कर ले।
भव सागर ला पार करे बर,पुण्य धजा धर ले।।1।।
मया मोह ला छोड़ चलौ जी,राम नाम जप लौ।
जिनगी ला पबरित कर लेवव,सत्य आँच तप लौ।।2।।
सुग्घर जिनगी के सपना ला,मन मा आज धरौ।
राम नाम के सुमिरन करके,अपने काज करौ।।3।।
बड़े भाग मानुष तन भइया,सुफल करौ तन ले।
हरि मा ध्यान लगालौ संगी,गाव भजन मन ले।।4।।
हे मूरख इंसान समझ ले,तोर काय जग मा।
जादा झन रे तँय इतराना,काय पाय जग मा।।5।।
छंदकार - बोधन राम निषादराज"विनायक"
सहसपुर लोहारा
जिला - कबीरधाम(छत्तीसगढ़)
गजब सुग्घर रचना सर
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