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Tuesday, February 18, 2020

विष्णुपद छंद- महेंद्र कुमार बघेल

विष्णुपद छंद- महेंद्र कुमार बघेल
     (सच होही सपना)
एक आदमी आय रहय जी, सपना मा रतिहा।
गोठ बात ठसलगहा ओकर, चले तेज मति हा।।
सबले पहली वोहा बोलिस, महिनत ला सुमरो।
जग ला हरियर ठाॅंव करे के, जुम्मे हे तुमरो।।
धरा धाम के बढ़त ताप हा, आय तुॅंहर करनी।
सरी जगत मा जीव जंतु के, होवत हे मरनी ।।
हरियर हरियर जंगल पर्वत, नदिया नाश करे।
सॅंउहत काल बुलाके तॅंय हा, कोठी अपन भरे ।।
साफ सफाई के ओखी मा, मारत हस नखरा।
अगल बगल फेंकत कचरा ला, होगे बुध पखरा।।
चोबिस घंटा आॅंखी खोले, देखत हो मॅंय हा।
मोर कोन हा का बिगाड़ही, कहत रथस तॅंय हा।।
पेड़ लगावत रोज छपत हे, फोटू पेपर मा।
फेर साल भर लात तान के, सुते रथव घर मा।।
करिया चिटहा गुॅंगवा उगलत, चिमनी इहाॅं उहाॅं।
साफ साॅंस बिन तन हा हफरय, हे उद्योग जिहाॅं।।
सबो कारखाना छोड़त हे, गंदा जल महुरा ।
पानी मा बिख घोरइया ला, थोरिक झन सहुरा।।
फूल पान राखड़ धोवन ले, तरिया हा खिरथे।
गाॅंव शहर के गंदा पानी, नदिया मा गिरथे।।
कतिक कहॅंव मॅंय तोर चरित ला, अब नइहे कहना।
मोर निवेदन अतका हे बस, मनखे कस रहना।।
सबके मंगल होवय अइसन, रद्दा नेक चुनौ।
आखिर का कीहिस सपना मा, ओला आव सुनौ।।
उत्सव पर्यावरण मनावत, कसम खाव अतना।
साफ मिलय जल हवा मृदा बस, जरवत हे जतना।।
धरा हवा जल माटी ला जब, मान लुहू अपना।
भरे खेत खलिहान रही सब, सच होही सपना।।

छंदकार- महेंद्र कुमार बघेल डोंगरगांव ,
जिला राजनांदगांव

4 comments:

  1. वाह वाह का गजब के छंद लिखे हव दाऊ जी, बहुत सुग्घर, संदेश प्रद, बहुत बधाई

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  2. गजब सुग्घर रचना सर

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  3. लाजवाब अउ शिक्षा प्रद छंद रचना आदरणीय ।

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