विष्णुपद छंद - इंजी.गजानंद पात्रे "सत्यबोध"
देश धरम अब कहाँ दिखत हे, मोला दौ बतला।
बइठ सुवारथ के कुर्सी मा, नेता गँय पगला।।
रिश्वतखोरी लूट डकैती, जग ला रोग धरे।
कोई तरसे कौंर निवाला, कोई भूख मरे।।
रोजगार के बात कहाँ हे, शिक्षा गर्त पड़े।
युग निर्माता भावी पीढ़ी, धरमन द्वार खड़े।।
वोट बैंक अब जनता बनगे, समझव खेल इहाँ।
राजनीति के मतलब बदले, सेवा भाव कहाँ।।
न्याय कहाँ हे सच के रद्दा, झूठा राज करे।
ढोंगी तपसी पाखंडी मन, सत्ता आज भरे।।
अपन वोट के कीमत जानौ, सुन पहिचान करौ।
गजानन्द हे ध्यान धरावत, अब तो ध्यान धरौ।।
छंदकार- इंजी. गजानंद पात्रे "सत्यबोध"
बिलासपुर (छत्तीसगढ़)
देश धरम अब कहाँ दिखत हे, मोला दौ बतला।
बइठ सुवारथ के कुर्सी मा, नेता गँय पगला।।
रिश्वतखोरी लूट डकैती, जग ला रोग धरे।
कोई तरसे कौंर निवाला, कोई भूख मरे।।
रोजगार के बात कहाँ हे, शिक्षा गर्त पड़े।
युग निर्माता भावी पीढ़ी, धरमन द्वार खड़े।।
वोट बैंक अब जनता बनगे, समझव खेल इहाँ।
राजनीति के मतलब बदले, सेवा भाव कहाँ।।
न्याय कहाँ हे सच के रद्दा, झूठा राज करे।
ढोंगी तपसी पाखंडी मन, सत्ता आज भरे।।
अपन वोट के कीमत जानौ, सुन पहिचान करौ।
गजानन्द हे ध्यान धरावत, अब तो ध्यान धरौ।।
छंदकार- इंजी. गजानंद पात्रे "सत्यबोध"
बिलासपुर (छत्तीसगढ़)
बहुत सुग्घर सर
ReplyDeleteधन्यवाद ज्ञानु जी।
Deleteबहुत सुग्घर सर
ReplyDeleteबहुत सुग्घर सर जी
ReplyDeleteधन्यवाद निषादराज जी।
Deleteलाजवाब सृजन, बहुत बधाई आदरणीय
ReplyDeleteसादर धन्यवाद श्लेष जी।
Deleteबड़ सुग्घर अउ सटिक सृजन गुरुदेव ।
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई हो ।
सटीक सुग्घर सुसंदेश देवत छन्द भईया जी।
ReplyDeleteबधाई
वाह वाह वाह वाह भईया जी
ReplyDeleteबेहतरीन गुरुदेव बधाई शानदार रचना
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