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Tuesday, February 25, 2020

विष्णुपद छन्द-राम कुमार चन्द्रवंशी

विष्णुपद छन्द-राम कुमार चन्द्रवंशी

                 गुस्सा कभू करव मत

गुस्सा हर बुध खाथे संगी,गुस्सा दिल न धरौ।
बनना हावय अगर चहेता सबला प्रेम करौ।
गुस्सा ले नित बात बिगड़थे,राखव याद सदा।
पछतावव झन गुस्सा करके सीखव नेक अदा।।

खागे दुर्योधन के गुस्सा,कौरव के सेना।
पड़गे संगी गुस्सा मा जी,लेना के देना।
लंका जरगे,रावण मरगे,राज-पाठ खोगे।
गुस्सा जेमन करिन जगत मा,माटी मा सोगे।।

गुस्सा होथय छिन भर के जी करथे अबड़ असर।
कर देथे कतको मनखे के मुश्किल गुजर बसर।
मानौ मय हर समझावत हँव कहना मोर धरौ।
मया पिरित के डोरी बाँधव,गुस्सा त्याग करौ।।

छंदकार-राम कुमार चन्द्रवंशी
ग्राम+पोष्ट-बेलरगोंदी (छुरिया)
जिला-राजनांदगाँव
छत्तीसगढ़

4 comments:

  1. बहुत सुंदर, संदेश प्रद छंद।
    तीसरा चौथा छंद के सम चरण के अंत जाँच लौ

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  2. क्रोध कतेक ख़तरनाक होथे सब बर। मेला बारीकी से सृजन करें हव । बहुत बढ़िया सृजन हे गुरु जी

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