विष्णु पद छंद-जीतेन्द्र वर्मा"खैरझिटिया"
बात बात मा जे मनखे मन,जादा क्रोध करे।
तेखर तन मन आग बरोबर,बम्बर रोज बरे।।
मिले नही कुछु क्रोध करे ले,होय बिगाड़ भले।
क्रोध करइया के जिनगी के,सुख के सुरुज ढले।
रखे क्रोध ला जे काबू मा,तेखर होय भला।
क्रोध करइया मन हर जीथे,सुख अउ शांति गला।
कंस क्रोध मा होगिस अँधरा,पालिस बैर बला।
रावण घलो क्रोध मा मरगिस,लंका अपन जला।।
मनुष होय सुर दनुज जानवर,सबला क्रोध लिले।
जेन राख पावै जी काबू,तेखर भाग खिले।।
मनुष हरस तैं बुद्धि वाले,अपन दिमाक लगा।
क्रोध लोभ अउ मोह होय नइ,कखरो कभू सगा।
क्रोध राख के काम करे जे,तेखर आय रई।
देव दनुज अभिमानी ज्ञानी,आइस इँहा कई।
क्रोध काल ए क्रोध जाल ए, क्रोध ह हरे दगा।
क्रोध छोड़ के दया मया ला,अन्तस् अपन लगा।
क्रोध छोड़ जे दया मया ला,पाले अपन जिया।
तेखर जिनगी मा सुख छाये,पाये राम सिया।।
जीतेन्द्र वर्मा"खैरझिटिया"
बाल्को,कोरबा(छग)
बात बात मा जे मनखे मन,जादा क्रोध करे।
तेखर तन मन आग बरोबर,बम्बर रोज बरे।।
मिले नही कुछु क्रोध करे ले,होय बिगाड़ भले।
क्रोध करइया के जिनगी के,सुख के सुरुज ढले।
रखे क्रोध ला जे काबू मा,तेखर होय भला।
क्रोध करइया मन हर जीथे,सुख अउ शांति गला।
कंस क्रोध मा होगिस अँधरा,पालिस बैर बला।
रावण घलो क्रोध मा मरगिस,लंका अपन जला।।
मनुष होय सुर दनुज जानवर,सबला क्रोध लिले।
जेन राख पावै जी काबू,तेखर भाग खिले।।
मनुष हरस तैं बुद्धि वाले,अपन दिमाक लगा।
क्रोध लोभ अउ मोह होय नइ,कखरो कभू सगा।
क्रोध राख के काम करे जे,तेखर आय रई।
देव दनुज अभिमानी ज्ञानी,आइस इँहा कई।
क्रोध काल ए क्रोध जाल ए, क्रोध ह हरे दगा।
क्रोध छोड़ के दया मया ला,अन्तस् अपन लगा।
क्रोध छोड़ जे दया मया ला,पाले अपन जिया।
तेखर जिनगी मा सुख छाये,पाये राम सिया।।
जीतेन्द्र वर्मा"खैरझिटिया"
बाल्को,कोरबा(छग)
बहुत सुग्घर आदरणीय, वाकई क्रोध मनखे बर बने नी होये, सुग्घर संदेश देवत छंद, बहुत बधाई
ReplyDeleteसधन्यवाद सर जी
Deleteबहुते सुग्घर गुरुदेव
ReplyDeleteसधन्यवाद सर जी
Deleteबहुत सुग्घर रचना सर
ReplyDeleteसधन्यवाद सर जी
Deleteबहुत सुग्घर गुरुदेव
ReplyDeleteसधन्यवाद सर जी
Deleteबहुत सुग्घर रचना गुरुदेव
ReplyDeleteसधन्यवाद सर जी
Deleteसधन्यवाद सर जी
Deleteबहुत सुंदर रचना गुरुजी
ReplyDeleteसधन्यवाद सर जी
Deleteबहुतेच सुग्घर रचना बधाई सर जी
ReplyDeleteसधन्यवाद सर जी
Deleteलाजवाब छन्द आदरणीय भईया जी, सादर बधाई
ReplyDeleteसधन्यवाद सर जी
Deleteसधन्यवाद सर जी
ReplyDeleteबहुत सुन्दर गुरुदेव
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