Followers

Sunday, February 16, 2020

बिष्णुपद छंद:- गुमान प्रसाद साहू


बिष्णुपद छंद:- गुमान प्रसाद साहू
।मेट अपन मन के अँधियारी।।
दीन दुखी के मन से सेवा, मनखे तैं करले।
प्रेम भाव ले नाम कमाके, झोली तैं भरले।।
बैर कपट झन कर कोनो बर, इरखा मा परके।
मेट अपन मन के अँधियारी, उज्जर मन करके।।1

जात पात अउ ऊँच नीच के, मन ले भेद भगा।
करले सबले आज मितानी, हिरदे अपन लगा।।
तभे नाम हा अमर जगत मा, रहिथे जी मरके।
मेट अपन मन के अँधियारी, उज्जर मन करके।।2

अपन रूप अउ धन बल मा जे, मान करत फिरथे।
जादा ऊपर उड़ै नहीं वो, मुँड़भरसा गिरथे।।
निरमल काया अपन बनाले, सेवा तैं करके।
मेट अपन मन के अंधियारी, उज्जर मन करके।।3

छंदकार:- गुमान प्रसाद साहू
ग्राम :-समोदा (महानदी )
जिला:- रायपुर, छत्तीसगढ़

9 comments:

  1. गजब सुग्घर रचना सर

    ReplyDelete
  2. गजब सुग्घर रचना सर

    ReplyDelete
  3. बहुत सुग्घर रचना हे गुरुदेव, बहुत बधाई आप ला

    ReplyDelete
  4. अति सुन्दर सर जी बधाई हो

    ReplyDelete
  5. परम पूज्य गुरुदेव ल सादर प्रणाम ,अउ आप जम्मो मया करइया दीदी भैया ल सादर आभार

    ReplyDelete
  6. बड़ सुग्घर संदेश सामाजिक समरसता खातिर आदरणीय ।

    ReplyDelete