विष्णुपद छंद - विरेन्द्र कुमार साहू,
आनी बानी रोग धरत हे, नर ला ढोर सहीं।
हरय माँस खवई के फल ये, खावव माँस नहीं।१।
अब पशु मन के बीमारी हा, नर मा आवत हे।
खुद के बुनें जाल मा मनखे, खुदे झपावत हे।२।
स्वाइन फ्लू अउ रोग बर्ड फ्लू, नंगत घातक हे।
कोरोना कस बीमारी हा, जग के नाशक हे।३।
कोन जनी अउ का हो जाही, सुधरव रे मनखे।
नहिते जीना पड़ही तुम ला, दिन-दिन गन गनके।४।
तन हा रइही टन्नक भारी, नइ खाबे झटका।
हवय विटामिन अउर कैल्शियम, सब्जी मा अतका।५।
कुकरी मछरी खाके संगी, अब झन पाप धरौ।
कंद मूल मन अमृत सहीं हें, शाकाहार करौ।६।
छंदकार - विरेन्द्र कुमार साहू ,
बोड़राबाँधा(पाण्डुका),
राजिम छत्तीसगढ़, मो. -9993690899
बहुत सुग्घर, संदेश प्रद छंद रचे हव, बिल्कुल सही हे भाईसाहब। मनखे ला अपन जीवन शैली बदले बर पड़ही
ReplyDeleteआभार मित्र
Delete।सुंदर संदेश
ReplyDeleteआभार आदरणीय
Deleteगजब सुग्घर रचना सर
ReplyDeleteशाकाहार के संदेश देवता बहुतेच सुग्घर रचना। वाह वाह वाह।
ReplyDeleteबहुतेच सुग्घर सार्थक विष्णुपद छंद।हार्दिक बधाई
ReplyDeleteबहुत बढ़िया रचना साहू जी
ReplyDeleteबधाई हो
महेन्द्र देवांगन माटी
वाह बहुत सुन्दर विष्णुपद छंद बधाई हो
ReplyDeleteवाह बहुत सुन्दर विष्णुपद छंद बधाई हो
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