विष्णु पद छंद-द्वारिका प्रसाद लहरे
सुमता के रद्दा मा रेंगव,दया मया धरके।
मया बाँट लौ सब मनखे ले,झोली भर भरके।।
बनव सहारा दुखिया मन के,दुख पीरा हरलौ।
येही जग मा सार हवय जी,नेक करम करलौ।।
बैर-भाव ला छोड़ौ जम्मो,मनखे एक सबो।
भाई-भाई हावन सब गा,जुरमिल संग रबो।।
जात-पात हा हमर बनाये,ए ला कोन धरे।
छोड़व मन के इरखा संगी,मन संताप हरे।।
भाई-चारा बाढ़त जावै,अइसन काम करौ।
करै द्वारिका सार गोठ जी,मन मा ध्यान धरौ।।
छंदकार-द्वारिका प्रसाद लहरे
बायपास रोड़ कवर्धा/
सुमता के रद्दा मा रेंगव,दया मया धरके।
मया बाँट लौ सब मनखे ले,झोली भर भरके।।
बनव सहारा दुखिया मन के,दुख पीरा हरलौ।
येही जग मा सार हवय जी,नेक करम करलौ।।
बैर-भाव ला छोड़ौ जम्मो,मनखे एक सबो।
भाई-भाई हावन सब गा,जुरमिल संग रबो।।
जात-पात हा हमर बनाये,ए ला कोन धरे।
छोड़व मन के इरखा संगी,मन संताप हरे।।
भाई-चारा बाढ़त जावै,अइसन काम करौ।
करै द्वारिका सार गोठ जी,मन मा ध्यान धरौ।।
छंदकार-द्वारिका प्रसाद लहरे
बायपास रोड़ कवर्धा/
सुंदर विष्णु छंद,बधाई
ReplyDeleteसुग्घर रचना सर
ReplyDeleteसुग्घर रचना सर
ReplyDeleteशानदार जानदार छंद , बहुत बधाई आप ला
ReplyDeleteजम्मो गुरुदेव सहित श्लेष भाई ल सादर आभार,,
ReplyDeleteछंदखजाना म स्थान दे बर गुरुदेव जी ल सादर प्रणाम
सुग्घर संदेश परक रचना सर।हार्दिक बधाई
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद सर जी
Deleteबहुत सुग्घर रचना बधाई हो
ReplyDeleteसादर आभार गुरुदेव
Deleteबहुत सुन्दर रचना
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद
ReplyDeleteसुग्घर संदेश देवत रचना।
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